इन लोगों ने लिखा मोदी को पत्र
जिन 49 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम को पत्र लिखा है उनमें पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त मीरान बोरवणकर, पूर्व प्रसार भारती के सीईओ जावेद सिरकार, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जुलिएयो रिबेरो, आरटीआई कार्यकर्ता अरुणा रॉय और पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। इन लोगों ने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से कहा है कि “हमें उम्मीद थी कि आप संविधान अक्षुच्ण बनाने रखने के लिए काम करेंगे लेकिन प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आप अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग की रक्षा कर पाने में असमर्थ रहे।” पत्र में मोदी से अपील की गई है कि आप सरकार के मुखिया होने की वजह से देश के लोगों को आश्वश्त करें कि लोगों को किसी प्रकार से डरने की जरूरत नहीं है।
सरकार के कामकाज पर उठाए सवाल
कठुआ और उन्नाव मामले की निंदा करते हुए पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि इस घटना मे केंद्र और राज्य सरकारें अपनी मूलभूत जवाबदेही निभाने में असफल रही हैं। पत्र में कहा गया है कि संविधान में जिन धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक बातों को जिक्र किया गया है उसमें गिरावट आई है।
सामान्य नहीं है गैंगरेप की घटना
पूर्व नौकरशाहों के पत्र में राजनीतिक दलों और सरकारों पर भी सवाल उठाए गए हैं। पत्र में लिखा गया है कि उन्नाव और कठुआ की घटना कोई सामान्य घटना नहीं है। यह ऐसी घटना है जो देश और समाज को कलंकित करती हैं। पत्र के माध्यम से यह बताने की भी कोशिश की गई है कुछ नेता स्थानीय तौर पर अपराधियों को संरक्षण देते हैं। पत्र में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों का भी जिक्र किया गया है। पूर्व नौकरशाहों ने पीएम से अपील की है कि अब राजनीतिक स्तर पर उन्हें कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत है।