दरअसल, आर्टिकल 370 हटने के बाद यशवंत सिन्हा घाटी का जायजा लेने कनर्सन सिटीजन्स ग्रुप के सदस्यों के साथ श्रीनगर पहुंचे थे। लेकिन, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा समेत संस्था के अन्य सदस्यों को सुरक्षाबलों ने श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी। एनजीओ की ओर से पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, कपिल काक, भारत भूषण और सुशोभा बरनोढ कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में जाकर जमीनी हकीकत जानना चाहते थे।
पढ़ें- तेजस में उड़ान भरेंगे राजनाथ सिंह, वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति तेज करेगा HAL एक मीडिया हाउस के मुताबिक, यशवंत सिन्हा ने प्रबंधन को हवाला दिया कि वह यहां किसी राजनीतिक नेता की हैसियत से नहीं बल्कि गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं। उन्हें शहर में जाने की अनुमति दी जाए। लेकिन, एयरपोर्ट प्रशासन ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि, प्रबंधन ने उन्हें श्रीनगर से वापस भेजने के निर्देश देते हुए संस्था के अन्य सदस्यों को शहर में जाने की अनुमति प्रदान कर दी ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एनजीओ के सदस्यों को शहर में जाने की अनुमति दे दी गई। लेकिन, यशवंत सिन्हा को अगली फ्लाइट से वापस दिल्ली भेज दिया गया। गौरतलब है कि अभी तक सीताराम येचुरी और गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाने की इजाजत मिली हुई है।