नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने भारत सरकार से प्राप्त हिंदीत्तर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार लौटा दिया है। प्रोफेसर चमन का कहना है कि वह सरकार द्वारा जेएनयू छात्रों को लेकर अपनाए जा रहे रवैये से बेहद नाराज हैं। उन्होंने कहा कि जेएनयू में कभी देश विरोधी नारे लगाए ही नहीं गए। प्रो. चमनलाल ने सरकार के रवैये के विरोध स्वरूप यह कदम उठाया है।
चमन लाल का कहना है कि जेएनयू और उसके छात्रों को बदनाम करने की एक साजिश चल रही है। बता दें कि चमन लाल जेएनयू के सेवानिवृत प्रोफेसर हैं और उनको यह पुरस्कार 2000-2001 में मिला था। उन्होंने जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार को पत्र लिखकर पुरस्कार वापसी के बारे में बताया।
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने दो दिन पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। इन दोनों पर नौ फ़रवरी को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप है।