आर्मी अस्पताल की ओर से बताया गया कि अभी भी पूर्व राष्ट्रपति गहरे कोमा में ही है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही रखा गया है। हालांकि देशभर में अब भी पूर्व राष्ट्रपति की अच्छी सेहत को लेकर प्रार्थनाएं की जा रही हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पिछले 16 दिनों से अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। 10 अगस्त को उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी। दरअसल प्रणब मुखर्जी के दिमाग में खून के थक्के जमने लगे थे। इन्हीं थक्कों को हटाने के लिए आपातकाल में पूर्व राष्ट्रपति की ब्रेन सर्जरी की गई थी।
आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल के अधिकारियों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फेफड़ों में संक्रमण हो गया है, जिसका इलाज लगातार किया जा रहा है। वहीं उनके गुर्दे की स्थिति भी ठीक नहीं है।
आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल के चिकित्सकों और विशेषज्ञों की एक टीम लगातार उनकी सेहत की निगरानी कर रही है। डॉक्टरों की मानें तो उनकी हालत ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल’ बनी हुई है। ‘हीमोडायनेमिकली स्टेबल’ होने का अर्थ है कि मरीज का दिल ठीक तरीके से काम कर रहा है और शरीर में रक्त का संचार सामान्य है।
कोरोना के चलते बढ़ा फेफड़ों की संक्रमण
दरअसल जब पूर्व राष्ट्रपति के ब्रेन सर्जरी के लिए कुछ टेस्ट किए गए तब उनके कोरोना संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। इस बात की जानकारी खुद प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट कर के दी थी।
इस दौरान उनहोंने ये भी कहा था कि जो लोग भी पिछले दिनों उनके संपर्क में आए हैं। वे सभी अपना कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। उनके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ही उनके फेफड़ों के संक्रमण की समस्या बढ़ गई है, जिसका लगातार इलाज किया जा रहा है।