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किसान आंदोलनः पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान, दोनों पक्ष अहंकार व हठ छोड़ें

locationनई दिल्लीPublished: Jan 22, 2021 11:32:09 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

उमा भारतीय ने कहा कि किसान नेताओं को राजनीति में नहीं आने देना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, पीएम नरेन्द्र मोदी के सामने बहुत बड़ा अवसर है।

Uma Bharti

उमा भारती।

नई दिल्ली। भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को अपनी राय रखी। उमा भारती के अनुसार सरकार व किसान नेताओं के सामने किसानों की समस्याएं हल करने का ये मौका है। इसमें दोनों पक्षों को हठ छोड़कर काम करना होगा।
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भोपाल में अपने निवास पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत कर उमा भारती ने कहा कि किसान आंदोलन में किसान नेताओं को राजनीति में नहीं आने देना चाहिए। उन्होंने कहा 30 वर्ष बाद किसान जमा हुए हैं।
सरकार के पास यही मौका है। इसलिए पीएम नरेन्द्र मोदी के सामने बहुत बड़ा अवसर है। वहीं किसानों के सामने भी बड़ा अवसर है। इस अवसर पर दोनों पक्षों को अहम और हठ को छोड़कर काम करना होगा।
उमा भारती ने 30 वर्ष पहले दिल्ली में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत और शरद जोशी के किसान आंदोलन के बारे बताते हुए कहा कि दोनों किसान नेताओं में तब कोई मतभेद नहीं थे, लेकिन उनके समर्थकों के बीच संघर्ष हो गया था।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है। किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत जारी है। अब तक इस मामले में समाधान नहीं निकला है।
किसानों को इस बात की आशंका है कि नए कृषि कानूनों से देशभर में कृषि उपज मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपी को बंद करने का रास्ता बनाया जा रहा है।

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