AIIMS में corona का नया रूप देश के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( COVID-19 in Delhi ) में भी कोरोना वायरस काफी तेजी से फैलता जा रहा है। लेकिन, AIIMS में कोरोना का ऐसा मामला सामने आया, जिसने कुछ समय के लिए डॉक्टर्स को भी आश्चर्यचकित कर दिया। AIIMS के डॉ. विजय गुर्जर ( Doctor Vijay Gurjar ) का कहना है कि 80 साल की एक बुजुर्ग महिला सांस लेने में तकलीफ और बुखार की समस्य को लेकर हॉस्पिटल आई थीं। 25 जून से लेकर सात जुलाई तक उनका चार बार AIIMS में ही RT-PCR कोरोना टेस्ट ( corona test ) किया गया। लेकिन, हर बार उनकी रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई। लेकिन, उनकी समस्या बरकार थी। लिहाजा, एक्सरे ( X-ray) और सीटी स्कैन ( city scan ) की रिपोर्ट को देखकर डॉक्टर्स ने माना कि वह कोरोना से संक्रमित हैं और उसी हिसाब से उनका इलाज भी किया जा रहा था।
ऐसे बची बुजुर्ग महिला की जान डॉक्टर गुर्जर ने Twitter पर अनुभव को शेयर करते हुए लिखा कि बाद में बुजुर्ग महिला की एंटीबॉडी टेस्ट ( Antibody Test ) कराई गई। जांच में पता चला कि एंटीबॉडी उनके शरीर में विकसित हो चुकी थी। जिसके कारण बार-बार कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी। उन्होंने बताया कि किसी भी इंसान के शरीर में एंटीबॉडी तभी बन सकती है, जब वह COVID-19 से संक्रमित हो। रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर के अंदर एंटीबॉडी बनने में तकरीबन 5 से 7 दिन का समय लगता है। यहां आपको बता दें कि एंटीबाडी कोरोना से लड़ने में मदद करती है। गनीमत ये रही कि समय रहते सारी सच्चाई सामने आ गई और बुजुर्ग महिला की जान बच गई। फिलहाल, महिला को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टर ने ये भी कहा कि हाल ही में रोहतक में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अशोक भयाना ( Dr Ashok Bhayana ) की मौत हो गई थी। मृतक में कोरोना के सभी लक्षण थे, लेकिन उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी।