बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) अपने आयुक्त और 2018 में जन्म लेने वाली पहली लड़की के संयुक्त बैंक खाते में पांच लाख रुपये जमा कराएगी और इस पर मिलने वाले ब्याज का इस्तेमाल लड़की की शिक्षा के लिए किया जाएगा।
राज ने कहा कि प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में जाने वाली गर्भवती महिलाएं गरीब परिवार की होती हैं और दुर्भाग्य से उन्हें लगता है कि लड़कियों को पालना एक भारी बोझ है। विजेता का पता लगाने के लिए सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य अधिकारी 31 दिसंबर की मध्यरात्रि के बाद और 1 जनवरी के पहले घंटे या शुरुआती घंटों में पैदा होने वाली बच्चियों के जन्म के समय को रिकॉर्ड करेंगे।
राज ने कहा कि शल्य चिकित्सा के जरिए प्रसव कभी भी किया जा सकता है इसलिए सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने केवल प्राकृतिक प्रसव के माध्यम से जन्म लेने वाली बच्ची को ही यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। शहर में करीब 32 स्वास्थ्य केंद्र नगर निकाय द्वारा संचालित किए जाते हैं जिनमें से 26 में मैटर्निटी वार्ड हैं।