मयूर के पिता एबी पाटिल नवापुर के आर्ट, कॉमर्स, साइंस कॉलेज में वरिष्ठ प्रोफेसर हैं। पाटिल परिवार मूल रुप से जलगांव जिले के अमलनेर के पिलोदा गांव से है। मयूर के पश्चात माता-पिता, पत्नी, दो भाई परिवार में हैं। मयूर ने 2005 में एयरफोर्स ज्वाइन की थी। अपने 13 साल के कार्यकाल में उन्होंने जयपुर , श्रीनगर, वडनगर, बडौदा आदि जगहों पर सर्विस की। उनके सहयोगी ऑफिसर दीपक झा ने बताया कि मयूर एक ईमानदार और नेक ऑफिसर थे।
सबकी आंखें हो गई नम शहीद मयूर का पार्थिव जब अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था तो उनकी प्रेग्नेंट पत्नी पूजा ने माथे का सिंदूर मिटाने से और चुड़ियां तोड़ने से मना कर दिया। रोते हुए कहा कि पति ने वादा किया था कि वह उनके बच्चे को देखने जरुर आएंगे। मैं उन्हें एेसे नहीं जाने दूंगी उन्हें हमारा होने वाला बच्चा देखना है।
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय वायुसेना में कार्यरत और बड़ोदा में नियुक्त जवान मयूर अशोक पाटिल मूल रुप से महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के नवापुर के रहने वाले थे। गुरुवार को बड़ौदा में गणतंत्र दिवस के लिए परेड की जा रही थी। परेड खत्म होने के बाद मयूर को चक्कर आया और वे नीचे गिर गए। उनके साथियों ने उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान भी उन्हें होश नहीं आया। चिकित्सा अधिकारियों ने उन्हें देर रात मृत घोषित किया। शुक्रवार को उनका पार्थिव नवापुर लाया गया और सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के लिए पूर्व मंत्री एवं विधायक स्वरुपसिंह नाईक समेत जिले के नेता और हजारों लोग मौजूद थे।