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मिशन गगनयान के लिए 10 हजार करोड़ रुपए मंजूर, अंतरिक्ष जाएंगे 3 भारतीय वैज्ञानिक

locationनई दिल्लीPublished: Dec 28, 2018 08:52:57 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 15 अगस्त को लाल किले से घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक इसरो देश के पहले मानव मिशन को अंजाम देगा।

Mission Gaganyaan

मिशन गगनयान के लिए 10 हजार करोड़ रुपए मंजूर, अंतरिक्ष जाएंगे 3 भारतीय वैज्ञानिक

नई दिल्ली। भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन ‘गगनयान’ को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इसरो के इस महत्वकांक्षी अभियान पर 10 हजार करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत तीन भारतीय वैज्ञानिक अधिकतम सात दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे।

2022 में भारत का पहला मानव मिशन

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज दुनिया ने अंतरिक्ष में भारत का लोहा माना है। इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद अगले 40 महीने के अंदर लॉन्च कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 15 अगस्त को लाल किले से घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक इसरो देश के पहले मानव मिशन को अंजाम देगा। इसरो इस परियोजना पर वर्ष 2004 से ही काम कर रहा है।

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पहले दो मानव रहित फिर तीन यात्री जाएंगे अंतरिक्ष

प्रसाद ने कहा कि वास्तविक मानव मिशन से पहले दो बार बिना मानव के मिशन को अंजाम दिया जाएगा। जिनमें प्रक्षेपण यान, मॉड्यूल तथा अन्य सभी उपकरणों सहित पूरी प्रक्रिया वास्तविक मिशन की तरह ही होगी। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले मॉड्यूल और अन्य सभी उपकरणों को अंतरिक्ष में वांछित कक्षा तक पहुंचाने के लिए जीएसएलवी एम के-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल होगा। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण, फ्लाइट प्रणाली के विकास तथा जमीन पर बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए जरूरी अवसंरचनाएं विकसित की जाएंगी। मिशन को सफल बनाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) राष्ट्रीय एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के साथ साझेदारी करेगा।

इसरो चेयरमैन ने कहा था- बहुत काम करना है अभी

पीएम मोदी के ऐलान के बाद इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि था अंतरिक्ष एजेंसी अभी एक मानव अंतरिक्ष यान निर्माण करने के ‘करीब नहीं’ है। अंतरिक्ष में लोगों को भेजने की दिशा में हमारे सपने को पूरा करने के लिए हमें बहुत काम करने की जरूरत है। मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां तैनात की जा रही हैं, क्योंकि लोगों को अंतरिक्ष में भेजना भारत का सपना है।

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