मोदी का P4 फॉर्मूला
चार दिवसीय गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन के समापन सत्र में पीएम मोदी ने स्वच्छ दुनिया के लिए 4पी का एक मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व (Political leadership), सार्वजनिक धन (Public funding), साझेदारी (Partnerships) और लोगों की भागीदारी (People’s participation) दुनिया को स्वच्छ बनाने के चार मंत्र हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बना स्वच्छता: मोदी
मोदी ने यह बात गांधीजी की उस टिप्पणी पर की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आजादी से ज्यादा स्वच्छता को प्राथमिकता देंगे। मोदी ने कहा कि आज, मुझे बहुत गर्व है कि 125 करोड़ लोगों का हमारा देश गांधीजी के पदचिन्हों पर चल रहा है और स्वच्छ भारत मिशन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन बन गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने लोगों के व्यवहार में परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में ग्रामीण स्वच्छता 38 फीसदी थी, जो बढ़कर अब 94 फीसदी हो गई है। उन्होंने कहा कि पांच लाख गांव और 25 राज्य खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
खुले में शौच से मुक्ति का यूएन भी दीवाना
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ‘खुले में शौच से मुक्ति’ को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए भारत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर निवेश आर्थिक दृष्टि से भी बुद्धिमानी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक हासिल किए जाने वाले सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में सबके लिए स्वच्छता की सुविधा भी एक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नवाचार, साहस और प्रतिबद्धता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं खुले में शौच से मुक्ति को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए भारत की तारीफ करता हूं।