10 दिन तक मनेगा गणेशोत्सव देश के अलग-अलग शहरों में भगवान गणेश को विराजमान किया गया है। एक से बढ़कर एक पंडाल बनाए गए हैं, जिनकी साज-सज्जा देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। वैसे तो देशभर में गणेशोत्सव की धूम रहती है। लेकिन महाराष्ट्र में इस उत्सव की अलग ही छटा बिखरी होती है। बच्चा-बच्चा गणेश जी के रंग में रंगा होता है। गुरुवार को सिद्धिविनायक मंदिर में भक्त दर्शन करने के लिए जुट गए । यहां विशेष आरती पूजा का आयोजन किया गया। बता दें कि सिद्धिविनायक मंदिर पूरे भारत में बप्पा का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित इस मंदिर में आम से लेकर खास लोग बप्पा से अपनी मुरादें मांगने आते हैं।
आज से गूंजेगा “गणपति बप्पा मोरिया” आज विराजेंगे प्रथम आराध्य देव श्री गणेश, श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम से सजाए गए है पंडाल वहीं पंडालों की बात करें तो लालबागचा राजा का सबसे मशहूर पंडाल यही है। लाल बाग के राजा में भक्तों की गहरी आस्था है। ऐसा माना जाता है कि जो भी लाल बाग के राजा के दर्शन करने जाता है, बप्पा उसकी हर मुराद पूरी करते हैं। बता दें कि लालबाग इलाके में लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडली पिछले 85 वर्षों से गणपति स्थापित कर रहे हैं। लालबाग के राजा की प्रतिमा करीब 15 फीट ऊंची होती है और इसे बनाने में 1 से 2 महीने लगते हैं। लालबाग के राजा की प्रतिमा को 22 सितंबर को विसर्जित किया जाएगा।
उधर गणेश गली मुंबई चा राजा का पंडाल भी मुंबई के सबसे मशहूर गणेश पंडालों में से एक है। हर बार इसे एक थीम पर आधार करके बनाया जाता है। यहां पर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृति बनाई जाती है।
वहीं औरंगाबाद के खरादी गांव में एक तलाब में इको फ्रेंडली भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई गई है। जिसमें छोटे-छोटे पौधे भी लगाए गए हैं। वहीं औरंगाबाद के खरादी गांव में एक तलाब में इको फ्रेंडली भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई गई है। जिसमें छोटे-छोटे पौधे भी लगाए गए हैं।
उधर तेलंगाना में गणेश चतुर्थी के मौके पर छह सौ किलो का लड्डू बनाया गया है, जिसे महा प्रसाद कहा जाता है