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गौतम गंभीर अब क्‍या करेंगे, राजनीति की पिच पर बैटिंग या कुछ और…

Published: Dec 06, 2018 09:44:00 am

कुछ दिनों पहले इस बात की भी चर्चा हुई थी गंभीर दिल्‍ली के किसी सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं।

Gautam Gambhir

गौतम गंभीर अब क्‍या करेंगे, राजनीति की पिच पर बैटिंग या कुछ और…

नई दिल्‍ली। भारत में नामचीन क्रिकेटरों में से एक गौतम गंभीर ने क्रिकेट के हर प्रारूप से सन्‍यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। उनकी इस घोषणा के बाद से कयास लगाए जाने लगे हैं कि अब वो क्‍या करेंगे। सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर चर्चा सबसे ज्‍यादा जोरों पर है। सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा सबसे ज्‍यादा है कि वो एक क्रिकेट कमेंटेटर, सोशल एक्टिविस्‍ट और राजनेता में से किसी एक को करिअर के रूप में चुन सकते हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा दम राजनीति में जाने की बात में है। ऐसा इसलिए कि वो समय समय पर भाजपा नेताओं के करीब रहे हैं। कुछ दिनों पहले इस बात की भी चर्चा हुई थी गंभीर दिल्‍ली के किसी सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं।
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उमर अब्‍दुल्‍ल ने किस बात पर कहा “जीरो”
कुछ महीने पहले की बात है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का शोध छात्र मन्‍नान वानी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने करिअर को तिलांजलि देकर आतंकवादी बन गया था। उसने खुलकर बंदूक की भाषा में नई दिल्‍ली को जवाब देने की वकालत की थी। इस मुद्दे पर गौतम गंभीर ने ट्वीट कर मन्‍नान के फैसले को गलत बताया था जो कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं सहित जम्‍मू और कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला को सही नहीं लगा था। उन्‍होंने गंभीर को रिट्वीट करते हुए कहा था कि उन्‍हें राजनीति का ज्ञान नहीं है। इस मामले में वो “जीरो” हैं। लेकिन उमर अब्‍दुल्‍ला गंभीर के इस दूरगामी सोच को भांप नहीं सके।
लीडरशिप की बात कर लिया सन्‍यास
आम लोगों को गंभीर का आईपीएल 2019 से पहले रिटायरमेंट लेने का फैसला चौकाता है। ऐसा इसलिए कि जिस समय आईपीएल होगा उसी समय लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति भी चरम पर होगा। चार नवंबर को उन्‍होंने ट्वीट किया था कि कपतानी अब युवाओं को सौंपने का समय आ गया है। इसलिए मैंने डीडीसीए चयनकर्ताओं से इस रोल के लिए न चुनने का आग्रह किया है। मैं बैकग्राउंड में रहूंगा और नए लीडर की मदद करूंगा। इसके ठीक एक महीने के बाद उन्‍होंने क्रिकेट के हर फार्मेट से सन्‍यास ले लिया।
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अरुण जेटली से नजदीकी
कुछ दिनों पहले अपने फेसबुक प्रोफाइल में नरेंद्र मोदी के तस्वीर लगाने वाले अंशुल सिंह चौहान ने गंभीर की रिटायरमेंट पर लिखा कि अपनी क्रिकेट की पारी खत्‍म करने के बाद गंभीर भाजपा की ओर से 2019 में राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे? सवाल यह उठ रहा है कि चौहान ने ऐसा क्‍यों लिखा? इसकी दो वजहें हो सकती हैं। पहला ये कि अतीत में गंभीर भाजपा नेताओं के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं। दूसरा ये कि उनकी सोशल फीड देखकर समझ आता है कि वो दिल्ली की आप सरकार, खासतौर से अरविंद केजरीवाल पर सीधे और तीखे हमले करते रहते हैं और साथ ही कांग्रेस को भी नहीं छोड़ते नहीं। 2014 में वो अरुण जेटली के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अमृतसर तक चले गए थे। इतना ही नहीं जब केजरीवाल एंड पार्टी ने डीडीसीए में घोटाले का मुद्दा उठाया तो उन्‍होंने जेटली का साथ दिया था। ऐसे सवाल यह उठता है कि क्या गौतम गंभीर आप और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और वो भाजपा के साथ जा सकते हैं?
केजरीवाल के खिलाफ संभालेंगे मोर्चा
इस बात की भी चर्चा है कि क्या गंभीर को केजरीवाल के ख़िलाफ लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। इस बारे में राजनीतिक विश्‍लेषकों का कहना है कि इस बारे में आप सोच सकते हैं लेकिन ऐसी कोई बुनियाद नहीं है जिससे ये साफ़ तौर पर कहा जा सके। चुनाव भी क़रीब आ रहे हैं, ऐसे में कुछ भी हो सकता है लेकिन पुख़्ता तौर पर अभी कुछ नहीं कह सकते। इसके बावजूद इस बात में दम इसलिए है कि कुछ समय पहले इस बात की चर्चा हुई थी कि गंभीर और धोनी भाजपा से 2019 का चुनाव लड़ सकते हैं।
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