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बिपिन रावत को भरोसा, भारत अगला युद्ध स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा भी और जीतेगा भी

locationनई दिल्लीPublished: Oct 16, 2019 07:40:27 am

राजधानी में डीआरडीओ के 41वें निदेशक सम्मेलन में पहुंचे आर्मी चीफ।
डीआरडीओ की तारीफ करते हुए इसे फ्यूचर रेडी बनने के लिए कहा।
भविष्य के युद्ध को समझते हुए वैसी तकनीक विकसित करने पर जोर।

सेना प्रमुख बिपिन रावत (फाइल फोटो)

सेना प्रमुख बिपिन रावत (फाइल फोटो)

नई दिल्ली। भारतीय सेना तेजी से मजबूत होती जा रही है और देश में खुद के अत्याधुनिक हथियार विकसित करने में एजेंसियां तेजी ला चुकी हैं। इसके चलते सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भरोसा है कि भारत अगली लड़ाई स्वदेशी हथियारों से करेगा और इसमें जीत भी हासिल करेगा। रावत ने आर्म्ड फोर्सेज को स्वदेशी तकनीक को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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दरअसल, जनरल बिपिन रावत मंगलवार को राजधानी में आयोजित रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के 41वें निदेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इच्छा जताई कि भविष्य में होने वाले युद्धों को ध्यान में रखते हुए ही हथियारों और अन्य रक्षा प्रणालियों का विकास किया जाए।
इस दौरान रावत ने कहा, “ऐसा कतई जरूरी नहीं है कि भविष्य की लड़ाई आमने-सामने से ही हो। हमें जरूरत है साइबर, स्पेस, लेजर, इलेक्ट्रॉनिक वार और रोबोटिक्स डेवलपमेंट के साथ-साथ आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस पर काम करने की। इससे पहले की बहुत देर हो जाए, हमें इसके बारे में सोचना चाहिए।”
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रावत ने डीआरडीओ की तारीफ करते हुए इसकी उपलब्धियों को शानदार बताया और कहा कि देश रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है। इससे सेनाओं को काफी फायदा मिलने का पूरा विश्वास है।
रावत ने विदेशी हथियारों-गोला बारूद के आयात को लेकर चिंता जताई और कहा कि आजादी के सात दशकों बाद भी स्थिति यह है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में शामिल है। यह अच्छी बात नहीं है। बीते कुछ वर्षों में हालांकि हालात सुधरे हैं और डीआरडीओ पूरी कोशिश कर रहा है कि सेनाओं की आवश्यकता को स्वदेशी हथियारों के जरिये पूरा किया जाए।
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इस सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह केे साथ ही डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी भी मौजूद रहे।

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