स्वतंत्र नीति पर चलेगा भारत मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अमरीकी प्रतिबंध के डर को दरकिनार करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्र नीति पर चलता रहेगा। सेना प्रमुख ने जनरल के वी कृष्ण राव स्मृति व्याख्यान में बोलते हुए कहा कि अपने रूस दौरे पर भी मैंने रूसी अधिकारियों को आश्वस्त किया था कि हमारे ऊपर कुछ प्रतिबंध लग सकते हैं, लेकिन मास्को से रक्षा सौदा जारी रहेगा। बता दें कि हाल ही में जनरल बिपिन रावत शनिवार को रूस की छह दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। उन्होंने रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर बातचीत की। रूस की यात्रा के बारे में जनरल रावत ने एक रूसी नौसैन्य अधिकारी की तरफ से पूछा गया एक प्रश्न याद करते हुए कहा कि भारत का झुकाव अमरीका की ओर लगता है जिसने रूस पर पाबंदियां लगाई हैं और अमरीका ने रूस से सौदा करने पर भारत पर पाबंदियां लगाने की धमकी भी दी है। इस पर रावत ने बेबाकी से जवाब दिया कि , ‘हां, हमें अहसास है कि हम पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं लेकिन हम स्वतंत्र नीति पर चलते हैं।’ रावत ने अमरीका के साथ भारत के बढ़ते संबंध पर रूस की चिंता यह कहते हुए दूर करने का प्रयास किया, ‘आप आश्वस्त रहिए कि जब हम कुछ प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए अमरीका के साथ हाथ मिला रहे होते हैं तो हम स्वतंत्र नीति पर चलते हैं।’
भारत और रूस के बीच एस-400 मिसाइल करार से बौखलाया अमरीका, ट्रंप लगा सकते हैं प्रतिबंध और सैन्य उपकरण खरीदेगा भारतसाथ ही बिपिन रावत ने ये भी कहा है कि एस-400 के बाद हम रूस से कामोव हेलीकॉप्टर और अन्य सैन्य उपकरण भी खरीदेंगे। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि भारत अपनी अंतरिक्ष क्षमता बढ़ाने के लिए मास्को से कुछ अंतरिक्ष आधारित सिस्टम और तकनीक भी लेने की योजना बना रहा है।
क्या थी अमरीका की धमकी?
बता दें कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत रूस के साथ हथियार खरीदता है तो उसे आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप सरकार का ‘काट्सा’ यानी ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवसरिज थ्रू सेंक्शंस एक्ट‘ प्रभावी होने के बाद ‘एस-400’ मिसाइल सौदे पर कई कयास लगाए जा रहे थे। ये कानून जनवरी में प्रभावी हो गया था। इस कानून में प्रावधान है कि यदि कोई भी देश रूस, ईरान या उत्तर कोरिया से हथियारों की खरीद करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।