भारत पहुंचकर वीके सिंह ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी यात्रा के बारे में बताया है। इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार की तरफ से हर मृतक के परिवार को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही पीड़ित परिवार के घर में से हर एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है।
वहीं वीके सिंह ने बताया कि इराक की सरकार ने उनकी बहुत मदद की है, उन्हें पहले तो मोसुल में घुसने से मना किया था, लेकिन काफी कोशिशों के बाद इराक की सरकार ने उन्हें मोसुल में दाखिल होने दिया। वीके सिंह ने बताया कि आज भी मोसुल के अंदर हालात बेहद खराब हैं, वहां के घरों में आज भी आईडी लगे होते हैं। वीके सिंह ने बताया कि इराक की सरकार और फौजियों के साथ हम मोसुल में दाखिल हुए थे। 19 मार्च की रात को हमें रात में बताया गया कि जो डीएनए आपने भेजे थे उनमें से 38 के डीएनए मैच कर गए हैं।
आपको बता दें कि वीके सिंह सोमवार सुबह 38 भारतीयों के शवों को लेकर इराक से रवाना हुए थे। वीके सिंह रविवार को भारत से इराक के लिए रवाना हुए थे। वीके सिंह को सौंपे गए 38 भारतीयों के शव
इससे पहले वीके सिंह ने एक न्यूज चैनल को ये भी बताया था कि उन्हें 38 भारतीयों के शव सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा था, ”शव सौंपने के लिए इराकी सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं, 38 लोगों के शव हमें मिल गए हैं, जबकि 39वें शव का डीएनए मैच किया जाना अभी बाकी है। ऐसा लगता है कि इनमें से ज्यादातर लोग आईएसआईएस आतंकियों की गोलियों का शिकार बने हैं।’
इससे पहले वीके सिंह ने एक न्यूज चैनल को ये भी बताया था कि उन्हें 38 भारतीयों के शव सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा था, ”शव सौंपने के लिए इराकी सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं, 38 लोगों के शव हमें मिल गए हैं, जबकि 39वें शव का डीएनए मैच किया जाना अभी बाकी है। ऐसा लगता है कि इनमें से ज्यादातर लोग आईएसआईएस आतंकियों की गोलियों का शिकार बने हैं।’
मृतकों में सबसे ज्यादा लोग हैं पंजाब से
आपको बता दें कि इराक के मोसुल में 39 भारतीयों को खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मार डाला था, जिसमें 27 लोग पंजाब के 4 हिमाचल प्रदेश के, 6 बिहार के और 2 लोग पश्चिम बंगाल के थे। सभी भारतीयों की मौत की पुष्टि हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दी थी, जिसके बाद शवों को लाने के लिए वीके सिंह को इराक भेजा गया था।
आपको बता दें कि इराक के मोसुल में 39 भारतीयों को खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मार डाला था, जिसमें 27 लोग पंजाब के 4 हिमाचल प्रदेश के, 6 बिहार के और 2 लोग पश्चिम बंगाल के थे। सभी भारतीयों की मौत की पुष्टि हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दी थी, जिसके बाद शवों को लाने के लिए वीके सिंह को इराक भेजा गया था।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, जिस वक्त इराक में भारतीयों के शवों को ताबूतों में रखकर विमान में चढ़ाया जा रहा था, उस वक्त वी के. सिंह ने उन्हें सलामी दी। वीके सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें वो शवों को विमान में चढ़ाते हुए दिख रहे थे। इस दौरान सिंह ने आतंकवादियों की आलोचना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी सरकार के रुख को जाहिर किया।
उन्होंने आईएसआईए ‘बेहद क्रूर संगठन’ बताते हुए कहा कि हमारे देश के नागरिक आईएस की गोलियों के शिकार हुए हैं। हम लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं।’ क्या था मामला?
खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने उत्तरी इराक के मोसुल शहर से 3-4 साल पहले करीब 38 भारतीयों को अगवा करके मार डाला था। बाद में उनके शवों को मोसुल के उत्तर-पश्चिम में बादुश नाम के गांव के नजदीक दफना दिया गया था। अगवा हुए वर्करों में ज्यादातर उत्तर भारत के थे और मोसुल के नजदीक एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे। जब आतंकियों ने शहर पर कब्जा किया, उसी दौरान इन वर्करों को अगवा कर लिया।सर्च ऑपरेशन के दौरान पता चला कि बादुश के नजदीक एक टीले के पास कुछ शव दफनाए गए हैं।
खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने उत्तरी इराक के मोसुल शहर से 3-4 साल पहले करीब 38 भारतीयों को अगवा करके मार डाला था। बाद में उनके शवों को मोसुल के उत्तर-पश्चिम में बादुश नाम के गांव के नजदीक दफना दिया गया था। अगवा हुए वर्करों में ज्यादातर उत्तर भारत के थे और मोसुल के नजदीक एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे। जब आतंकियों ने शहर पर कब्जा किया, उसी दौरान इन वर्करों को अगवा कर लिया।सर्च ऑपरेशन के दौरान पता चला कि बादुश के नजदीक एक टीले के पास कुछ शव दफनाए गए हैं।