script‘Madhya Pradesh से बासमती चावल की GI Tagging हुई तो Pakistan को होगा फायदा’ | GI Tag of Madhya Pradesh Basmati will benifit Pakistan, Punjab CM Captain Amrinder Singh appeals PM Modi | Patrika News

‘Madhya Pradesh से बासमती चावल की GI Tagging हुई तो Pakistan को होगा फायदा’

locationनई दिल्लीPublished: Aug 05, 2020 09:59:36 pm

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ( Captain Amrinder Singh ) ने पीएम मोदी ( pm modi ) को पत्र लिखकर की अपील।
कुछ वक्त पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री से की थी Madhya Pradesh Basmati की geographical indication की अपील।
बासमती ( Basmati rice ) से पहले ही जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैगिंग ( gi tag ) वाले राज्यों के हितों का रखें ध्यान।

GI tagging of Basmati with Madhya Pradesh will benefit Pakistan

GI tagging of Basmati with Madhya Pradesh will benefit Pakistan

चंडीगढ़। क्या किसी राज्य के साथ बासमती चावल ( Basmati rice ) का नाम जोड़े जाने से भी परेशानी हो सकती है, तो इसका जवाब हां में ही मिलेगा। दरअसल, बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ( Captain Amrinder Singh ) ने एक ट्वीट किया। इसमें कैप्टन ने बताया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिये उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि मध्य प्रदेश के साथ बासमती चावल की भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैगिंग ( gi tag ) यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैंगिंग की अनुमति ना दें, वर्ना इससे पाकिस्तान ( Pakistan ) को फायदा मिलेगा।
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पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट में लिखा, “मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहले से ही बासमती के साथ जीआई टैगिंग वाले पंजाब और अन्य राज्यों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए, बासमती चावल से मध्य प्रदेश की जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैगिंग ना करने में निजी हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है।”
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा, “इस तरह के कदम से भारत के बासमती निर्यात ( basmati export ) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और पाकिस्तान को इसका लाभ मिलेगा।” वहीं, भारतीय निर्यात क्षमता पर इसके गंभीर नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि भारत ने हर साल 33,000 करोड़ रुपये के बासमती का निर्यात किया। लेकिन भारतीय बासमती के पंजीकरण में किसी भी तरह की कमी बासमती की विशेषताओं और गुणवत्ता मानकों के मामले में पाकिस्तान ( pakistani basmati ) को (जो कि जीआई टैगिंग के अनुसार बासमती का उत्पादन करता है) अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाभ दे सकती है।
https://twitter.com/capt_amarinder?ref_src=twsrc%5Etfw
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन भी बासमती को जीआई टैग ( geographical indication ) करने के लिए पहले से ही मध्य प्रदेश के किसी भी दावे पर विचार करने का सख्ती से विरोध कर रहा है। पंजाब के अलावा जिन अन्य राज्यों में पहले से ही बासमती चावल के लिए जीआई टैगिंग हैं, उनमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी यूपी और जम्मू-कश्मीर के चुनिंदा जिले शामिल हैं।
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पिछले महीने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी और उनसे मध्य प्रदेश में उत्पादित किए जाने वाले बासमती चावल ( Madhya Pradesh Basmati ) के जीआई टैग किए जाने के लिए आग्रह किया था। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में बासमती के लिए जीआई टैगिंग के लिए अपने 13 जिलों को शामिल करने की मांग की थी।
जीआई टैग एक संकेत है जो उन उत्पादों पर इस्तेमाल किया जाता है जिनकी एक विशेष भौगोलिक उत्पत्ति होती है और इस मूल इलाके के चलते ही इनमें वह गुण या प्रतिष्ठा होती है।
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