इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा है कि उनकी शारीरिक अक्षमता को देख कर उन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया। दरअसल शनि धांडा ऑस्टेजेनिसिस इम्परफेक्ट नाम की एक बीमारी का शिकार हैं। लेकिन उन्होंने जॉब के लिए अप्लाई करने के लिए भेजे गए अपने रिज्यूमे में इस बात को कभी नहीं छुपाया और हर बार वो अपनी इस बीमारी के बारे में रिज्यूमे में मेंशन करती आई हैं।
उनका कहना है कि इसी वजह से 100 से ज्यादा बार इंटरव्यू के लिए रिज्यूमे भेजने के बाद भी उन्हें कभी जॉब के लिए कॉल नहीं आया था। उन्हें जब यह एहसास हुआ कि उनकी यही शारीरिक शारीरिक अक्षमता उनकी नौकरी हासिल करने के आड़े आ रही है तब उन्होंने इसे छुपाने का फैसला किया जिसका उन्हें फायदा भी मिला।
एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में उन्होंने बताया है कि इस बीमारी के चलते उनका कद सिर्फ 3 फीट है। मैंने 100 से ज्यादा जॉब्स के लिए अप्लाई किया था। कई इंटरव्यूज भी दिए लेकिन मेरा सिलेक्शन कहीं नहीं हुआ। इतनी ठोकरें खाने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि उनकी डिस्बिल्टी की वजह से कोई कॉल नहीं आता।
इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो अपनी इस कमी और डिस्बिल्टी को रिज्यूमे के कवर लेटर पर मेंशन नहीं करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने से उन्हें फायदा मिला और जल्द ही उन्हें इंटरव्यू के लिए कॉल आ गया और वो नौकरी पाने में कामयाब भी हुई। उनकी पहली नौकरी टेलीकालिंग में थी।
अपनी शारीरिक अक्षमता को छुपा कर नौकरी मिलने के सवाल पर धांडा कहती हैं कि उन्होंने अपनी लाइफ में हमेशा सकाराक्मक बने रहने की कोशिश की है लेकिन किसी असमर्थता या शारीरिक अक्षमता के कारण नौकरी न मिल पाना काफी दुखद है।