खास बात यह है कि दवाइयों और कई तरह की जांच कराने वाले डॉक्टर ने ही अस्पताल में भर्ती संगीता दास को संगीत सुनने की सलाह दी। डॉक्टर संदीप कुमार ने दिन में तीन बार हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध वायलिन वादक एन. राजम के राग दरबारी कानड़ा को सुनने की सलाह दी थी।
लंबे वक्त से संगीता का इलाज करा रहे उसके माता-पिता भी संगीत के इस चमत्कार से काफी खुश हैं। जब पद्म पुरस्कार से सम्मानित एन. राजम को पता चली तो वह हैरान हो गईं। अपनी खुशी का इजहार करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने जिंदगी में काफी पैसा कमाया, कई अवॉर्ड जीते लेकिन कभी सोचा नहीं था कि मेरा वायलिन वादन किसी को एक नई जिंदगी दे सकता है। मैं अपनी भावनाएं शब्दों में बयान नहीं कर सकती हूं।
अपनी वायलिन से किसी को जिंदगी लौटाने वाली राजम ने कहा मैं संगीता के पूरी तरह स्वस्थ होने पर उससे मिलूंगी और उन डॉक्टरों से भी जिन्होंने उसे यह सलाह दी थी।’ संगीता को जिस डॉक्टर ने वायलिन सुनने की सलाह दी थी वह खुद भी एक वॉयलिन वादक हैं। संगीता के ठीक होने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें फिलहाल उसके पूरी तरह से होश में आने का इंतजार करना चाहिए। अभी उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।’