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डॉक्टर ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कर रहे थे और 10 साल की नंदिनी कैंडी क्रश खेल रही थी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 11, 2017 09:58:00 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

चेन्नई के एसआईएमएस अस्पताल में बुधवार जब डॉक्टर जब 10 साल की एक बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कर रहे थे तब वो कैंडी क्रश गेम खेल रही थी।

Candy Crush
नई दिल्ली। चेन्नई के एसआईएमएस अस्पताल में बुधवार को ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन का एक अनोखा मामला देखने को मिला। एसआईएमएस अस्पताल में डॉक्टर जब 10 साल की एक बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कर रहे थे तब वो नन्ही बच्ची मोबाइल पर अपना पसंदीदा कैंडी क्रश गेम खेल रही थी। यही नहीं इस दौरान वो डॉक्टरों से बातचीत भी कर रही थी।
सिर के बाएं हिस्से में था ट्यूमर
पहली कक्षा में पढ़ने वाली नंदिनी की कुछ दिनों पहले तबियत खराब होने पर उसे चेन्नई के एसआईएमएस अस्पताल में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे ब्रेन ट्यूमर होने की बात कही और ऑपरेशन करने को कहा। नंदिनी के सिर के बाएं हिस्से में ट्यूमर होने की वजह से उसका चेहरा , हाथ और पैर प्रभावित हो सकते थे। लिहाजा परिजन ऑपरेशन के लिए राजी हो गए।
ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने नंदिनी से बातचीत कर उसे विश्वास में लिया।
चाचा के फोन में खेल रही थी गेम

नंदिनी का कम उम्र डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित था। डॉक्टर चाहते थे कि ऑपरेशन के दौरान नंदिनी को नींद न आए। जिससे यह पता चलता रहे कि ऑपरेशन सही दिशा में चल रहा है। इसके लिए नंदिनी और परिजनों से बातचीत के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि नंदिनी कैंडी क्रश गेम पसंद है। इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन थियरेटर में नंदिनी को मोबाइल पर कैंड्री क्रश खेलने की इजाज दे दी।

डॉक्टर बोले- बहादुर है नंदिनी
नंदिनी का सफल ऑपरेशन करने के बाद अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ रूपेश कुमार ने कहा कि नंदिनी एक बहादुर बच्ची है। एक जटिल ऑपरेशन के दौरान भी वो हल्के फुल्के मूड में नजर आई जिससे ऑपरेशन की सफलता की उम्मीद बढ़ गई।
अजब-गजब: डॉक्टर करते रहे ऑपरेशन और युवक बजाता रहा गिटार

operation
ऑपरेशन का यह अनोखा मामला
इससे पहले बेंगलुरु में भी इस तरह का एक मामला सामने आ चुका है। जब दिमाग की मांसपेशियों के ऑपरेशन के दौरान रोगी गिटार बजा रहा था। दरअसल, युवक को करीब डेढ़ साल इस बीमारी का तब पता चला जब एक दिन गिटार बजाते हुए उसकी उंगलियों में तेज दर्द हुआ। दिमाग की मासपेशियों में गड़बड़ी की वजह से युवक को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर जिस समय उसके दिमाग की अतिरिक्त मासपेशियों को जला रहे थे, उस समय तुषार लगातार गिटार बजा रहा था ताकि समस्या वाली जगह का जल्दी पता चल सके। असल में उसके गिटार बजाने से डॉक्टर्स को परेशानी वाली जगह का पता लगान में मदद मिल रही थी। ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजीव सीसी ने बताया कि उसे समस्या उस समय आती थी जब वह गिटार बजाता था, ऐसे में हमारे लिए प्रॉब्लम और उसकी सही जगह समझना बेहद जरूरी था।

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