एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के चौतरफा विकास के लिए हनवारा (झारखंड) एवं सन्हौला (बिहार) को जोड़ने के लिए गेरुआ नदी पर पुल का शिलान्यास 2009-2010 में भागलपुर के तत्कालीन सांसद शाहनबाज हुसैन ने किया। बिहार के तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने इस पुल को स्वीकृति दिलाई और करीब 20.50 करोड़ रुपए की लागत से 2015 में इस पुल का निर्माण पूरा हो गया। बिहार और झारखंड को जोड़ने वाली सड़क सन्हौला-हनवारा पथ पर गेरुआ नदी में बना हनवारा पुल अपने निर्माण के चार वर्षो के बाद भी आवागमन के लिए तैयार नहीं हो सका है।
सूत्रों का कहना है कि इसका मुख्य कारण है बिहार राज्य की तरफ से पुल तक पहुंचने के लिए संपर्क (एप्रोच ) सड़क का नहीं बन पाना। झारखंड की तरफ से पुल पर जाने का सड़क बनकर तैयार है। सूत्र बताते हैं कि बिहार की तरफ से संपर्क पथ नहीं बनने मे मुख्य समस्या जमीन अधिग्रहण की है। बिहार की तरफ से पुल तक जाने के लिए लोगों की निजी जमीन आड़े आ रही है। इस जमीन का बिहार सरकार की तरफ से अधिग्रहण नहीं हो सका है। वर्तमान समय में नदी से होकर बने डायवर्सन की तरफ से ही गाड़ियां आती-जाती हैं।
राज्य के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा का कहना है कि इस पुल पर जाने के लिए संपर्क सड़क बनना है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए भागलपुर जिलाधिकारी से बातचीत हुई है। हनवारा पुल के पास भूमि अधिग्रहण के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जमीन मालिकों को मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण कर संपर्क सड़क बनाने की दिशा में अविलंब कार्रवाई की जाए।