scriptएससी-एसटी पर बने विज्ञापन पर हो रही सरकार की आलोचना | Government advertisement on SC and ST Creates Controversy | Patrika News

एससी-एसटी पर बने विज्ञापन पर हो रही सरकार की आलोचना

Published: Jan 26, 2016 07:36:00 pm

सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन का विरोध कर रहे लोग पूछ रहे हैं कि क्या सरकार की नजर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के पास पूंछ भी होती हैं?

Government advertisement on SC and ST

Government advertisement on SC and ST

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक विज्ञापन को लेकर सरकार की अलोचना हो रही है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनयम, 2015 मंगलवार से लागू हो जाएगा। इस अवसर पर सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन पर विवाद छिडऩे की संभावना नजर आ रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया है कि एससी और एसटी के प्रति होने वाले अत्याचारों में नए अपराध जैसे- सिर, पूँछ मुंडवाना अथवा इस प्रकार के अन्य कार्य जो अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले हैं। विज्ञापन में मूंछ की जगह पूंछ शब्द लिख दिया गया है।

सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन का विरोध कर रहे लोग पूछ रहे हैं कि क्या सरकार की नजर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के पास पूंछ भी होती हैं? हालांकि पहली नजर में यह टाइपिंग की गलती लगती है। क्योंकि संशोधन कानून के अंग्रेजी वर्जन में इसके लिए मस्टैश या मूंछ शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

हलांकि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 की में यह कहा गया है कि, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध किए जाने वाले नए अपराधों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों के सिर और मूंछ का मुंडन कराने और इसी तरह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लोगों के सम्मान के विरुद्ध किए गए कृत्य को अपराध मना गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो