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सरकार ने बताई चंद्रयान 2 की सच्चाई, 500 मीटर की ऊंचाई से हुई थी विक्रम की हार्ड लैंडिंग

locationनई दिल्लीPublished: Nov 21, 2019 01:07:56 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

चंद्रयान 2 के बार में मोदी सरकार ने दी बड़ी जानकारी
500 मीटर की ऊंचाई से हुई थी विक्रम की हार्ड लैंडिंग- जितेंद्र सिंह

file photo
नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान 2 को लेकर अब तक सबके मन में एक ही सवाल है कि विक्रम लैंडर से इसरो का दोबारा संपर्क हो पाएगा या नहीं। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा लगातार इस कोशिश में है कि विक्रम से दोबारा संपर्क स्थापित हो सके। लेकिन, अब तक दोनों को कामयाबी नहीं मिली है। वहीं, अब सरकार ने चंद्रयान 2 को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
केन्द्र सरकार ने कहा कि चंद्रयान 2 के विक्रम की चांद की सतह पर हार्ड पर लैंडिंग हुई थी। लेकिन, लैंडिंग के वक्त विक्रम की गति तय मानकों के अनुसार नहीं थी। सरकार ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह से 500 मीटर की ऊंचाई से विक्रम सतह से टकराया। संसद में यह जानाकारी अंतरिक्ष विभाग का प्रभार रखने वाले पीएमओ के मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि लैंडिंग कराए जाने के पहले फेज में विक्रम के चंद्रमा से 30 किमी से 7.4 किमी ऊंचाई पर आने तक सबकुछ सामान्य था। इस दौरान विक्रम का वेग भी 1683 मीटर प्रति सेकंड से घटकर 146 मीटर प्रति सेकंड आ गया था।
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में लैंडर विक्रम का वेग पूर्व निर्धारित सीमा से बहुत ज्यादा था। लैंडर के इस असामान्य व्यवहार के चलते उन परिस्थितियों में बदलाव आया, जिसके तहत सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी। परिणाम यह हुआ सतह से 500 मीटर की ऊंचाई से विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई। इतना ही नहीं जितेन्द्र सिंह ने यह बताया कि निर्धारित लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले विक्रम से संपर्क टूट गया था। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन के दौरान इसरो को चंद्रयान की लॉन्चिंग, ऑर्बिटर बदलना, लैंडर का ऑर्बिटर से अलग होना, डी-बूस्टिंग जैसी कई चीजों में सफलता मिली।
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