ऐसे भी संकेत हैं कि आतंकवाद से जूझ रहे अमरीका, इजराइल और फ्रांस जैसे देशों से भी भारत सरकार चर्चा कर सकती है।
नई दिल्ली। उरी में सेना पर हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकवादी हमले के बाद सोमवार को यहां सरकार में दिन भर बैठकों का दौर चलता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं एक उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठकों को लेकर कोई अधिकृत जानकारी तो नहीं दी गई, लेकिन संकेत हैं कि सरकार सैनिक कार्रवाई पर भी गंभीरता से विचार कर रही है, लेकिन यह कारवाई किस तरह की हो, उसको लेकर अभी बैठकों का दौर चलेगा। ऐसे भी संकेत हैं कि आतंकवाद से जूझ रहे अमरीका, इजराइल और फ्रांस जैसे देशों से भी भारत सरकार चर्चा कर सकती है। यह देश आतंकवादी कार्रवाई के मामले में भारत की मदद कर सकते हैं। हालंकि कार्रवाई को लेकर सरकार के पास सीमित विकल्प हैं। संकेत हैं कि सरकार कोई भी बड़ा फैसला करने से पहले एक बार सभी विपक्षी दलों से बात करेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की कोशिश
जो जानकारी छन-छन कर बाहर आ रही है उसके अनुसार भारत पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए चौतरफा दबाव बनाएगा। पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का सहारा लिया जाएगा। कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी देश घोषित कर घेरने की कोशिश की जाएगी, लेकिन इसके साथ सैनिक कार्रवाई को लेकर असल फैसला किया जाना है। इसको लेकर सरकार के पास विकल्प कम हैं। जानकार मान रहे हैं कि आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले आसान नहीं है। इसमें नुकसान के खतरे हैं। इसके बाद दूसरा विकल्प सेना को खुली छूट देना है। इसमें सेना की ओर से अपने तरीके से ऑपरेशन कर पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों के ठिकानों को उड़ाने की रणनीति शामिल है। इस ऑपरेशन में सेना व खुफिया एजेंसियों का बड़ा रोल होगा। ऐसे संकेत हैं कि इस तरह के ऑपरेशन में अमरीका, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों की मदद ली जा सकती है। ये देश इस तरह के ऑपरेशन में माहिर माने जाते हैं। मौजूदा हालात में यह तीनों देश भी आतंकवाद से जूझ रहे हैं। हालांकि कनाडा और ब्रिटेन ने आतंकवाद की लड़ाई में भारत का साथ खड़े होने का भरोसा दे दिया है।
हर पहलू पर चर्चा
जानकार मान रहे हैं कि इन देशों के समर्थन के बाद सरकार की कई चिंताएं हैं। सरकार की असल परेशानी और चिंता यही है कि यह ऑपरेशन असरकारक होगा कि नहीं। क्योंकि ऐसी भी रिपोर्ट आ रही हैं कि पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में बने आतंकवादियों के कैंंपों को वहां से शिफ्ट कर दिया है। दूसरी परेशानी यह है कि उसके कब्जे वाले कश्मीर में दूसरे देशों के लोग भी सक्रिय हो गए हैं। यदि ऑपरेशन में जरा सी भी चूक हुई तो मामला युद्ध तक जा सकता है। पाकिस्तान वाले कब्जे में चीन वहां पर कई निर्माण कार्य कर रहा है। इसलिए सरकार हर पहलू पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा, गृह, वित्त जैसे मंत्रियों के साथ सेना, खुफिया तंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ हर पहलू पर चर्चा की। यह चर्चा अभी जारी रहेगी।