अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली के हर जिले में द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत को स्पेशल कोर्ट बनाया गया है। बेनामी संपत्ति कानून के मुताबिक जितने तेजी से हर मुकदमे की सुनवाई संभव हो, उसे किया जाए। शिकायत दर्ज करने के छह माह के अंदर ही विशेष अदालत हर संभव प्रयास कर सुनवाई पूरी करे।
गौरतलब है कि बेनामी लेनदेन उन सौदों को कहा जाता है जो संदिग्ध नामों से किए जाते हैं, या फिर संपत्ति के मालिक को मालिकाना हक की जानकारी ही नहीं होती, या फिर लेनदेन में भुगतान करने वाला पक्ष संपर्क में ना हो।
अगस्त 2016 में काले धन पर रोक लगाने के मकसद से संसद ने बेनामी लेनदेन (रोकथाम) अधिनियम को पारित किया था। इस अधिनियम के लागू होने के बाद सभी नियम एवं प्रावधान 1 नवंबर 2016 से प्रभावी हो गए थे।