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सरकार का बड़ा फैसला : FASTag को वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़ा, गाड़ी नंबर डालते ही सामने आएगी वाहन मालिक की पूरी जानकारी

Published: Sep 04, 2020 02:26:59 pm

Submitted by:

Soma Roy

FASTag With VAHAN Software : टोल टैक्स की चोरी और अन्य घपलेबाजी को रोकने के काम आएगी नई व्यवस्था
वाहन सॉफ्टवेयर के फास्टैग सिस्टम से जुड़ते ही स्क्रीन पर दिखने लगेगी गाड़ी की पूरी डिटेल

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FASTag With VAHAN Software

नई दिल्ली। अब टैक्स की चोरी समेत फास्टैग (FASTag) को लेकर होने वाले घपलेबाजी पर अब रोक लग सकेगी। सरकार ने नियमों को पहले से सख्त करते हुए पुराने निजी व व्यावसायिक चार पहिया वाहनों के लिए जनवरी 2021 से फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। इतना ही नहीं अब फिटनेस प्रणाम पत्र जारी करने से लेकर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए भी फास्टैग जरूरी होगा। इन सभी चीजों की मॉनिटरिंग सही से हो सके इसके लिए सरकार ने FASTag सिस्टम को वाहन नामक सॉफ्टवेयर (VAHAN Software) से जोड़ दिया है।
नए सॉफ्टवेयर में गाड़ी का नंबर डालते ही वाहन मालिक (Vehicle Owner Deatils) का पूरा नाम, पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की जानकारी मोबाइल ऐप या कंप्यूटर स्क्रीन पर नजर आ जाएगी। इससे वाहन चालक फास्टैग को लेकर फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे। साथ ही कई जगह टोल टैक्स को लेकर होने वाली घपलेबाजी पर भी लगाम लगेगी। क्योंकि इससे पूरी व्यवस्था डिजिटल हो जाएगी। ऐसे में जिन जगहों पर फर्जी तरीके से टोल लिया जा रहा है उसकी भी मॉनिटरिंग हो सकेगी। वाहन सॉफ्टवेयर के FASTag सिस्टम से जुड़ते ही गाड़ी की पूरी डिटेल्स आ जाएगी। इससे सरकार के पास रोजाना गुजरने वाली गाड़ियों का ब्योरा होगा। जिससे कुल कितना टैक्स हासिल हुआ इसकी भी सटीक गणना की जा सकेगी। इससे राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी।
टोल प्लाजा पर नगद के बजाए फास्टैग की मदद से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार काफी जोर दे रही है। इसी के चलते सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 3 सितंबर को हितधारकों के सुझाव-आपत्ति ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। साथ ही साल 2017 दिसंबर से पहले खरीदे गए निजी-व्यावसायिक चार पहिया वाहनों की विंडस्क्रीन पर एक जनवरी 2021 तक फास्टैग को अनिवार्य रूप से लगाने की बात कही गई है। मालूम हो कि इससे पहले मंत्रालय ने फास्टैग युक्त नए वाहनों की बिक्री संबंधी अधिसूचना जारी की थी। इसमें वाहन के विंडस्क्रीन पर निर्माता कंपनी अथवा डीलर को फास्टैग लगाना के लिए कहा गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में देश में ट्रक, बस, कारों की संख्या लगभग 7 करोड़ है, लेकिन फास्टैग की बिक्री अभी दो करोड़ से भी कम हुई है।
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