नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि गरीब देश के गरीबों ने नोटबंदी को स्वीकार किया और उनमें गरीबी को परास्त करने की ताकत है। गरीबों और वंचितों की इस ताकत को बढ़ाकर उनका जीवन स्तर सुधारना सरकार की प्राथमिकता है।
मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दो दिवसीय सम्मेलन में अपने समापन भाषण में कहा कि गरीबी उनकी सरकार के लिए वोटबैंक से जुड़ा मसला नहीं है बल्कि वह गरीबों और वंचितों के उत्थान को सेवा का अवसर मानती है। उनके लिए गरीब की सेवा प्रभु की सेवा है। उन्होंने कहा कि चंद लोगों के लिए जीवन शैली ही ङ्क्षचता का विषय है लेकिन उनकी सरकार की प्राथमिकता गरीबों और वंचितों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री के समापन भाषण की जानकारी देते हुए यह बात कही। मुद्रा के अनियंत्रित विस्तार को भ्रष्टाचार की जननी बताते हुए मोदी कहा कि भ्रष्टाचार समाज की सबसे बड़ी बुराई है। गरीबों ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले नोटबंदी को न सिर्फ स्वीकार किया है बल्कि यह भी माना है कि यह भ्रष्टाचार की बुराई को समाप्त करने में प्रभावी कदम साबित होगा।
गरीबी दूर करने में उन्होंने जनधन, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिक्र किया। सरकार का मानना है कि सबसे ज्यादा गरीबों की बेटी ही शिक्षा से वंचित रहती है।
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