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Online Shopping कंपनियों को धोखाधड़ी करना पड़ेगा महंगा, सरकार 27 जुलाई को ला रही नया कानून

locationनई दिल्लीPublished: Jul 25, 2020 03:25:32 pm

Submitted by:

Soma Roy

New Rules For E-Commerce Companies : उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों के लिए नए नियमों को किया जाएगा शामिल
पहली बार देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए लागू किया जा रहा नियम, इससे फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

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New Rules For E-Commerce Companies

नई दिल्ली। दुकान से सामान लेने पर अगर वो खराब निकलता है या कंपनी किसी तरह की गड़बड़ी करती है तो ग्राहक आसानी से कंज्यूमर फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) में अभी भी कस्टमर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों पर नकेल कसने के लिए सरकार जल्द ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) के अंदर ही ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों के लिए नए नियम लेकर आ रही है। इससे कंपनियां फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगी। इससे कस्टमर्स को राहत मिलेगी।
यह कानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 का ही एक हिस्सा है। पहले इसे 20 जुलाई से लागू किया जाना था, लेकिन अब ये 27 जुलाई से पूरे देश में लागू हो जाएगा। इसकी आधिकारिक घोषणा खाद्य मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए करेंगे। देश में ये पहला ऐसा मौका होगा जब ई-कॉमर्स कंपनयों के लिए कोई गाइडलाइंस बनाई जा रही है। इससे पहले उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए कोई नियम नहीं थे।
ग्राहकों को ये होंगे फायदे
ई-कॉमर्स के नए नियम के मुताबिक ऑनलाइन कंपिनयों को अब ग्राहक का ज्यादा ध्यान रखना होगा। सामान को भेजने से लेकर उसकी सर्विसिंग तक सबका ख्याल रखना होगा। इसमें फर्जीवाड़े की गुंजाइश न के बराबर होगी। कंपनियां देश में रजिस्टर्ड हों या विदेश में सजा का प्रावधान होगा। अगर ग्राहक ऑर्डर बुक करने के बाद कैंसिल कर देता है तो कंपनियां चार्ज नहीं ले सकती हैं। इसके अलावा घटिया सामान डिलेवरी करने पर भी दंड का प्रावधान होगा। रिफंड, एक्सचेंज, गारंटी-वारंटी जैसे सभी जानकारी भी ई-कॉमर्स कंपनियों के पोर्टल पर उपलब्ध कराने होंगे।
नोडल ऑफिसर निपटाएंगे शिकायत
अगर कोई कस्टमर ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है तो इसका निपटारा नोडल ऑफिसर करेंगे। इसके लिए एक अलग टीम नियुक्त की जाएगी। अधिकारी को एक निश्चित समय सीमा के तहत उपभोक्ताओं की समस्या को दूर करना होगा।
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