इस साल पहली बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता पहुंची गंभीर श्रेणी में, क्या है इसकी वजह और कब सुधरेंगे हालात दरअसल, दिल्ली सरकार खुली सिगरेट और बीड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए विचार कर ही है। इसकी वजह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं के सेवन से लोगों को हतोत्साहित करना है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था।
उन्होंने कहा, “यह मामला अभी भी चर्चा में है और फिलहाल बहुत ही प्रारंभिक चरण में है। कानूनी तौर पर यह संभव है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियम में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री या व्यापार नहीं कर सकता, जब तक कि उसके द्वारा बेचे, आपूर्ति या वितरित किए जाने वाले इस तरह के उत्पाद के लेबल पर निर्दिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी ना लिखी हो।”
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फैलाया तो होगी कड़ी कार्रवाई, 1 करोड़ जुर्माना और पांच साल जेल वाला कानून अधिकारी ने कहा कि यह प्रतिबंध सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन और आपूर्ति और वितरण के विज्ञापन और विनियमन) अधिनियम, 2003 की धारा 7 की उप-धारा 2 के तहत लगाया जा सकता है। हालांकि, एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि ऐसे उत्पाद पूरे शहर में आसानी से उपलब्ध हैं और प्रतिबंध के वास्तव में लागू किए जाने पर इसका सख्त अनुपालन सुनिश्चित करना मुश्किल होगा।
एनसीआर में लागू हुआ ग्रेप वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कर दिया गया है और नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। नोएडा में रविवार को भी इस संबंध में बड़ी कार्रवाई की गई। इसके साथ ही वर्क सर्कल 1 से 10 के अंतर्गत मुख्य मार्गो पर 68 टैंकरों के माध्यम से करीब 106.930 किलोमीटर लंबाई में जल छिड़काव किया गया। इसके अलावा निर्माण स्थल पर संबंधित सामग्री को खुला रखने और वायु प्रदूषण संबंधी नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की गई और अलग-अलग स्थानों से चार लाख जुर्माना वसूला गया।
वायु प्रदूषण रोकने में मददगार कार की खरीदारी पर दिल्ली सरकार दे ही 1.50 लाख की छूट जन स्वास्थ्य विभाग ने कई स्थानों से 300 टन सीएंडडी मलबा उठाया और निस्तारण के लिए सीएंडडी प्लांट तक पहुंचाया।35 रास्तों पर लगभग 140 मीटर लंबाई में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से सड़कों की सफाई के अलावा 35 किलोमीटर सड़कों की धुलाई की गई।