मिठाई पर भी लगेगा GST
मंत्रालय ने कहा कि बनाने में इस्तेमाल सामग्री के आधार पर राखी का वर्गीकरण होगा और उसी के आधार पर जीएसटी लगेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स ने इंडस्ट्री और पब्लिक की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में स्पष्टीकरण जारी किए। लोकप्रिय मिठाई संदेश पर रत्न जीएसटी लगेगा, चाहे उसमें चॉकलेट हो या न हो।
सिर्फ 2 घंटे 47 मिनट है शुभ मुहुर्त
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण बेहद दुर्लभ है। वर्ष 2005 में ग्रहण पड़ा था उसके बाद आज 12 वर्ष बाद इसकी पुनरावृत्ति होने जा रही है। लेकिन समस्या सिर्फ ग्रहण की नहीं है। रक्षाबंधन पर सुबह के समय भद्रा रहेगी। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगने के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। वहीं भद्रा में भी ऐसा कोई कार्य वर्जित है। चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा इसलिए 1.53 बजे से सूतक लग जाएंगे। सुबह 11 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए सुबह 11.05 बजे से लेकर 1.52 मिनट यानी कुल 2 घंटे 47 मिनट तक का ही समय शुभ है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण बेहद दुर्लभ है। वर्ष 2005 में ग्रहण पड़ा था उसके बाद आज 12 वर्ष बाद इसकी पुनरावृत्ति होने जा रही है। लेकिन समस्या सिर्फ ग्रहण की नहीं है। रक्षाबंधन पर सुबह के समय भद्रा रहेगी। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगने के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। वहीं भद्रा में भी ऐसा कोई कार्य वर्जित है। चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा इसलिए 1.53 बजे से सूतक लग जाएंगे। सुबह 11 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए सुबह 11.05 बजे से लेकर 1.52 मिनट यानी कुल 2 घंटे 47 मिनट तक का ही समय शुभ है।
ग्रहणकाल में भगवान की आराधना नहीं
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ग्रहण काल के दौरान भगवान की आराधना नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि इस दौरान लोगों को शुभ काम करने से भी रोका जाता है। इसलिए इस साल राखी भी केवल 2 घंटे के लिए मनायी जाएगी। पं. जोगेश्वर महाराज से जानिए रक्षाबंधन पर पडऩे वाले चंद्रग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा और कैसे अशुभ फलों से बचा जा सकता है
यहां दिखेगा ग्रहण
भारत समेत यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर के ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा। यह ग्रहण 5 घंटे एक मिनट होगा। वहीं आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे 55 मिनट है।
इसलिए होता है अशुभ
ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है। कहा जाता है कि इस दौरान किए गए काम से इंसान का नुकसान और अहित ही होता है इसलिए चंद्रग्रहण से पहले और ग्रहण तक हर अच्छे काम नहीं करने
भारत समेत यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर के ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा। यह ग्रहण 5 घंटे एक मिनट होगा। वहीं आंशिक ग्रहण की अवधि 1 घंटे 55 मिनट है।
इसलिए होता है अशुभ
ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है। कहा जाता है कि इस दौरान किए गए काम से इंसान का नुकसान और अहित ही होता है इसलिए चंद्रग्रहण से पहले और ग्रहण तक हर अच्छे काम नहीं करने
इन कामों को कभी न करें
-हिंदू मान्यतानुसार चंद्र ग्रहण के समय कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए।
– चाकू, कैंची, सूई-धागे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह नियम खासतौर पर गर्भवती महिलाओं पर लागू होता है।
– ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
-चंद्र ग्रहण के समय सर में तेल लगाना, पानी पीना, मल- मूत्र त्याग, बाल में कंघी, ब्रश आदि कार्य नहीं करना चाहिए।
-इस दौरान ऊंचे स्वरों में मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है।