नई दिल्ली। गुजरात भूमि अधिग्रहण विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इस विधेयक में तत्कालीन संप्रग सरकार की ओर से लाये गए संबंधित कानून मैं सार्वजनिक उद्देश्यों और औद्योगिक कोरीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण करने के वास्ते किये गए सामाजिक प्रभाव आकलन और सहमति के प्रमुख प्रावधानों को हटाया गया है। राज्य सरकार ने बताया कि कानून को स्वतंत्रता दिवस के दिन राज्य में लागू किया जाएगा।
विधेयक का कांग्रेस की ओर से कड़ा विरोध किया गया था। कांग्रेस ने इसे किसान विरोधी और उद्योगपति समर्थक करार दिया जिसमें सार्वजनिक उद्देश्यों, औद्योगिक कोरीडोर और सार्वजनिक निजी साझेदारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने के वास्ते प्रभाव आकलन और सहमति के प्रमुख प्रावधानों को हटाया गया है।
गुजरात के राजस्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूडासामा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और स्थान परिवर्तन :गुजरात संशोधन: विधेयक 2016 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार को आठ अगस्त को अपनी सहमति दे दी।
उन्होंने कहा, हम राज्य में नये कानून को 15 अगस्त से लागू करेंगे जिस दिन स्वतंत्रता दिवस है। राज्य सरकार इसे 15 अगस्त से पहले कानून के रूप में अधिसूचित कर देगी।
उन्होंने कहा, 2013 के संप्रग के भूमि कानून में कई विसंगतियां थीं। हमारा यह नया संशोधित कानून उन विसंगतियों को हटाएगा और इससे राज्य में तेजी से विकास सुगम होगा।