रोजाना की तरह बृहस्पतिवार को भी हुई बाबा सोमनाथ की आरती
चक्रवाती तूफान ‘वायु’ को लेकर गुजरात के मंत्री का दावा
भूपेंद्रसिंहः कुदरत की इस मार से कुदरत ही निपट सकती है
गुजरात के मंत्री का भूपेंद्रसिंह का दावा, बाबा सोमनाथ को नहीं ‘वायु’ से खतरा
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान वायु से भले ही पूरा गुजरात डर के साये में है और कहीं तेज हवाओं ने असर दिखाना शुरू कर दिया है, तो कहीं तटीय इलाकों को पूरी तरह खाली कर दिया गया है। फिर भी इन सबके बीच प्रदेश के मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा ने सोमनाथ मंदिर में रोजाना की ही तरह ही पूजा-आरती का दावा किया और कहा कि कुदरत से कुदरत ही निपट सकती है। दिन में आए उनके इस बयान के बाद मंदिर में बृहस्पतिवार शाम को भी पूजा-आरती हुई।
सोमनाथ मंदिर में मोबाइल और कैमरा ले जाना वर्जित है, लेकिन मंदिर की वेबसाइट पर रोजाना सुबह-दोपहर-शाम होने वाली पूजा, श्रृंगार और आरती के लाइव दर्शन की सुविधा प्रदान की जाती है। बृहस्पतिवार को भी मंदिर में रोजाना की ही तरह शाम 7 बजे श्रृंगार किया गया और ट्विटर पर बाबा की तस्वीर भी शेयर की गई।
पहले जैसे ही होगी आरती भूपेंद्रसिंह के मुताबिक बाबा सोमनाथ इस कुदरती विपदा से निपटेंगे। चाहे चक्रवाती तूफान कितना ही विकराल रूप क्यों न ले ले। उन्होंने कहा, ‘ये कुदरती आफत है और इसे कुदरत ही रोक सकती है, तो कुदरत को हम क्या रोकें।’
भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि बाबा सोमनाथ मंदिर में जिस तरह वर्षों से आरती होती आ रही है उसी तरह गुरुवार को भी आरती की जाएगी। इसमें किसी तरह का कोई विघ्न या विलंब नहीं होगा।
आपको बता दें कि चक्रवाती तूफान वायु की वजह से सोमनाथ मंदिर को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। यह कहा गया था कि मंदिर और आस-पास के इलाके में इस तूफान का खासा असर दिखाई पड़ सकता है।
हालांकि जैसे-जैसे इस तूफान के नजदीक आने का वक्त आया वैसे-वैसे इसकी दिशा में बदलाव की खबरें भी आने लगीं। शायद यही वजह है कि भूपेंद्र सिंह ने इस कुदरती आफत से निपटने में बाबा सोमनाथ पर ही भरोसा जताया।
हालांकि इस बीच IMD ने साफ किया है कि अब गुजरात को पहले की तरह ज्यादा खतरा नहीं है। चक्रवाती तूफान वायु ने अपनी दिशा बदल ली है और अब ये गुजरात के पोरबंदर को छूकर होते हुए सीधा ओमान की तरफ बढ़ेगा।
केदारनाथ में भी मंदिर को छू नहीं पाई प्रलय आपको बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड स्थित केदारनाथ में भी वर्ष 2013 में प्रलय आई थी। रातों रात आई इस प्रलय में सबकुछ तबाह हो गया। कई गांव देखते ही देखते पानी में बह गए, लेकिन ये प्रलय भी केदारनाथ मंदिर का कुछ नहीं बिगाड़ पाई। कुदरत के इस अकल्पनीय कहर में भी आस्था और विश्वास की जीत हुई और बाबा केदारनाथ का मंदिर इस प्रलय में भी तटस्थ रहा।
जून महीने में आई थी प्रलय खास बात यह है कि केदारनाथ में जब प्रलय आई तो महीना भी जून का ही था। 16-17 जून की दरमियानी रात को एक ऐसा कुदरती कहर बरपा कि सबकुछ अपने साथ ले गया। कई गांव तो इस प्रलय में लापता ही हो गए। लेकिन अगर कुछ इस प्रलय में टिका रहा तो वो थे बाबा केदारनाथ। जहां कुदरत भी नतमस्तक दिखाई दी।
अब एक बार फिर कुदरत ने एक तूफान का रूप लिया है जो गुजरात की तरफ बढ़ रही है। 6 साल बाद उसी जून महीने में चक्रवाती तूफान गुजरात की सरहद में प्रवेश की गुस्ताखी कर रहा था, लेकिन माना जा रहा है कि शायद यह बाबा सोमनाथ का ही असर है कि चक्रवाती तूफान ने अचानक अपनी दिशा ही बदल ली।