जानकारी के साथ-साथ शिकायत भी मुमकिन
आपको बता दें अधिकारियों के दावे के मुताबिक नार्थ इंडिया का यह पहला, जबकि इंडिया में यह इस तरह का चौथा सिस्टम है। जानकारी के साथ-साथ इस प्लेटफार्म की मदद से लोग शहर की सीवर, पानी और अन्य ऐसी समस्याओं की शिकायत भी दर्ज कर सकेंगे। यहाँ तक की आपके एरिया में अगर स्ट्रीट लाइट काम नहीं कर रहा हो तो ऐसी भी शिकायतें यहां दर्ज कराई जा सकती हैं। एक बार शिकायत होने पर संबंधित विभाग के लोग मौके पर पहुंच कर उसकी मरम्मत कराएंगे। इसके अलावा जीआईएस के मदद से डेंगू-मलेरिया, क्राइम जैसी जानकारियां भी मिल जाएंगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की गुप्त रोगों से जुड़ी बातें और पुलिस विभाग के सेंसिटिव केस से संबंधित जानकारी सार्वजानिक नहीं की जाएगी। इस सिस्टम के अप्रैल तक शुरू होने की अंदेशा जताई जा रही है।
करीब 80 फीसदी काम पूरा
आपको बता दें जीआईएस सिस्टम के लिए पिछले दो साल से काम किया जा रहा है। इसके लिए हर विभाग से जानकारियां इकट्ठा करके इसमें फीड की जा रही है। अब तक इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर, एमसीजी, हेल्थ, पुलिस, प्लैनिंग और हूडा की डीटेल फीड की जा चुकी है। इस सिस्टम में शहर के सीसीटीवी, मोबाइल टावर, प्रॉपर्टी लोकेशन, वार्ड, पार्षद, जनप्रतिनिधि, सेक्टर आदि की सारी डिटेल्स मौजूद है। इस सिस्टम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के विज्ञान मंत्रालय की मदद से ड्रोन द्वारा मैपिंग कर डाटा जुटाया जा रहा है, जिससे करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। समय-समय पर इंटरनेट से जुड़े इस सिस्टम में डाटा अपडेट करने के लिए हर विभाग से दो कर्मचारी जीएमडीए की ओर से नियुक्त किये जाएंगे।