साइबर सिटी के सबसे पुराने व्यावसायिक केंद्रों में से एक है सहारा मॉल ( Sahara Mall Gurugram )।
बीते फरवरी में दिया गया था मॉल को नोटिस, लेकिन अभी तक नहीं माना प्रबंधन।
अब मॉल के खिलाफ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अदालत में दायर करेगा मुकदमा।
Gurugram: Sahara Mall sealed for flouting pollution norms
गुरुग्राम। हरियाणा में साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम के सबसे पुराने व्यावसायिक केंद्रों में से एक सहारा मॉल ( Sahara Mall Gurugram ) के खिलाफ सोमवार को बड़ी कार्रवाई की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण संबंधित नियमों के उल्लंघन के कारण इसे सील कर दिया। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ड्यूटी मजिस्ट्रेट करतार सिंह और प्रदूषण पर्यावरण इंजीनियर नेहा सहारन और उज्ज्वल कुमार के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम सुबह करीब 7.30 बजे मॉल पहुंची और पूरे परिसर को सील कर दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, मॉल के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का एक नमूना फरवरी में लिया गया था। इसका ठीक से निस्तारण नहीं किया गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कुलदीप सिंह ने कहा, “मॉल प्रबंधन ने एसटीपी के पानी का सही तरह से निस्तारण नहीं किया था, जो प्रदूषण के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। हमने मॉल अथॉरिटी को फरवरी में नोटिस दिया था, लेकिन उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।”
उन्होंने कहा कि एसटीपी के नमूने 2018 में लिए गए थे और उस समय भी विभाग ने प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों के उल्लंघन के कारण मॉल अधिकारियों पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। बोर्ड ने एसटीपी को तब सील कर दिया था और इसे परिचालन को फिर से शुरू करने के लिए मंजूरी मिलनी बाकी थी, लेकिन मॉल के अधिकारी बोर्ड को बताए बिना इसे चला रहे थे।
सिंह ने कहा, “मॉल प्रबंधन की ओर से सीवरेज के पानी के ट्रीटमेंट के बगैर इसे बाहर निस्ताररित करने के लिए इस्तेमाल किया गया, जो घोर लापरवाही है। इसलिए यह कार्रवाई शुरू की गई।” इसके अलावा दुकान मालिकों ने मॉल अधिकारियों के खिलाफ भी इस लापरवाही के लिए विरोध किया।
मॉल में एक दुकान के मालिक ने कहा, “मैं किसी भी असुविधा से बचने के लिए मॉल प्रबंधन को लगभग 60,000 रुपये का भुगतान कर रहा हूं, लेकिन हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि मॉल प्रबंधन को प्रदूषण विभाग से नोटिस मिला है।”
एक अन्य दुकान के मालिक ने कहा, “पहले तो जारी कोरोना वायरस महामारी ने हमारे धंधे को कड़ी चुनौती दे रखी है। हम पहले से ही कर्मचारियों की कमी और मुनाफे में बढ़ोतरी ना होने का सामना कर रहे हैं और अब यह सीलिंग निश्चित रूप से हमारे व्यवसाय को प्रभावित करेगी।”
इस बीच बोर्ड अब पर्यावरण अदालत में मॉल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दायर करने की योजना बना रहा है। सिंह ने कहा, “मॉल प्रबंधन हमारे नोटिस को गंभीरता से नहीं ले रहा है और लगातार एचएसपीसीबी की चेतावनी की अवहेलना कर रहा है। हम जल्द ही प्राधिकरण के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे और नियमों के अनुसार भारी जुर्माना लगाएंगे।”
उन्होंने कहा, “हम मॉल को केवल तभी संचालित करने देंगे जब वे सभी मानदंडों को पूरा करें और अदालत से आवश्यक अनुमति प्राप्त करें।” वहीं, कई प्रयासों के बावजूद मॉल अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जा सका।