मुख्यमंत्री की घोषणा से प्रदेश के 10 लाख किसान को होगा फायदा
सहकारी बैंकों से लिए मूल ऋण अदायगी की अंतिम तिथि बढ़ाई
भिवानी में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे सीएम
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भिवानी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है। सीएम ने सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों के लिए एकमुश्त निपटान स्कीम के तहत ब्याज व जुर्माने की 4750 करोड़ रुपये राशि माफ करने की घोषणा की। इस घोषणा से प्रदेश के लगभग 10 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। इतना ही नहीं सीएम ने किसानों द्वारा सहकारी बैंकों से लिए गए मूल ऋण की अदायगी करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नंवबर 2019 कर दी है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा जन आशीर्वाद यात्रा के 12वें दिन भिवानी के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को इस घोषणा से सीधा लाभ मिलेगा।
सीएम खट्टर ने कहा कि जिन किसानों के खाते इन बैंकों द्वारा एनपीए (नॉन पर्फॉमिंग एकाउंट) घोषित कर दिए गए थे और किसान अपने ऋणों को नया नहीं करवा पा रहे थे, अब इस घोषणा के बाद किसान अपनी फसलों के ऋण खातों का चक्र बदलवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को सिर्फ अपनी मूल ऋण राशि ही जमा करवानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए यह ब्याज व जुर्माने की राशि के निपटान के लिए एकमुश्त राहत प्रदान की गई है। प्राथमिक कृषि एवं सहकारी समितियों से लगभग 13 लाख किसानों ने ऋण ले रखें है, जिनमें से 8.25 लाख किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं।
उन्होंने आगे बताया कि पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसायटी) की फसली ऋणों की चार प्रतिशत ब्याज दर राज्य सरकार वहन करती है और तीन प्रतिशत नाबार्ड वहन करता है। फसली ऋणों की अदायगी समय पर न करने वाले किसानों को पांच प्रतिशत की दर से ब्याज पर पेनाल्टी लगाई जाती थी, जो अब पूरी तरह माफ की जाएगी।
इसमें चार प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी तथा नाबार्ड की तीन प्रतिशत ब्याज की दर में से 1.5 प्रतिशत हरियाणा सरकार तथा 1.5 प्रतिशत पैक्स अपने स्तर पर वहन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्स के ऋणी किसानों को इस घोषणा से 2500 करोड़ का लाभ मिलेगा।
सीएम के मुताबिक इसी प्रकार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से प्रदेश के 85 हजार किसानों ने ऋण लिए हुए हैं, जिनकी मूल ऋण राशि 1800 करोड़ रुपये बनती है, जिनमें से 32 हजार किसानों के खाते एनपीए हो गए हैं। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा 12 से 15 प्रतिशत की ब्याज दर से किसानों को ऋण दिया जाता है। सरकार ने ऐसे किसानों की सहायता के लिए एक कार्य योजना बनाई है, जिसमें पेनाल्टी पूरी तरह से माफ कर दी गई है।
सरकार ने किसानों की सहायता के लिए एक कार्य योजना बनाई है, जिसमें पेनाल्टी पूरी तरह से माफ कर दी गई है
उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से पांच लाख रूपये तक का ऋण लिया हुआ है उन्हें दो प्रतिशत ब्याज दर में छूट, पांच से दस लाख रूपये तक के ऋण वाले किसानों को पांच प्रतिशत ब्याज दर में छूट तथा दस लाख से अधिक के ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज दर में छूट दी जाएगी। इस पर किसानों का चक्रवृद्धि ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। इससे किसानों को 1800 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी श्रेणी के हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक (लैंड मोरगेज बैंक) के 1.10 लाख ऋणी किसान हैं, जिनमें से 70 हजार किसानों के खाते एनपीए घोषित किए जा चुके थे। इन किसानों की मूल ऋण राशि 750 करोड़ रुपये की है तथा ब्याज व जुर्माने की राशि 1400 करोड़ देय बनती है।
इन बैंकों के किसानों का पूरा पैनल ब्याज माफ कर दिया गया है। केवल सामान्य ब्याज का 50 प्रतिशत ही किसानों को देना होगा, शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। लैंड मोरगेज बैंक के किसानों को इस योजना से 450 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।