मुख्य सचिव द्वारा बुधवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सीआईडी और कार्मिक व प्रशिक्षण और राजभवन मामलों के विभाग मुख्यमंत्री को दे दिए गए हैं। इसका सीधा अर्थ है कि सीआईडी अब मुख्यमंत्री के अधीन रहेगी। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि विज आगे से सीआईडी विभाग नहीं देखेंगे।
मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी के बीच ‘वर्चस्व की लड़ाई’ इस हफ्ते ज्यादा बढ़ गई थी, जब विज ने खट्टर को पत्र लिखकर सीआईडी प्रमुख अनिल राव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर उन्हें हटाने के लिए कहा था। मुख्यमंत्री खट्टर को लिखे एक पत्र में विज ने कहा था कि सीआईडी प्रमुख उन्हें विभिन्न विषयों पर जानकारी नहीं देते हैं। उन्होंने साथ में मांग की थी कि भारतीय पुलिस सेवा के एक अन्य अधिकारी श्रीकांत जाधव को वर्तमान सीआईडी प्रमुख राव के स्थान पर नियुक्त किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि आधिकारिक अधिसूचना से पहले भी मुख्यमंत्री खट्टर ने कई बार इसकी पुष्टि की है कि सीआईडी दशकों से गृह मंत्रालय के अधीन ना रहकर मुख्यमंत्री के अधीन रही है।