जानकारी के मुताबिक, झज्जर-सांपला मार्ग पर स्थित एक मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने मैनेजमेंट पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का आरोप है कि एडमिशन के समय कॉलेज प्रबंधन ने जो वायदे किए थे, उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।
छात्राओं का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में कोई चिकित्सक नहीं है और न ही कोई मरीज। इसके अलावा कॉलेज प्रबंधन की कार्यशैली कॉलेज की स्थापना के बाद से ही सवालों के घेरे में है। छात्राओं का यहां तक कहना है कि कई बार कॉलेज प्रबंधन के कारण वो मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो चुके हैं।
पढ़ें- सफल ऑपरेशन के बाद खुशी से ICU में झूम उठा डॉक्टर छात्राओं ने ईमेल में लिखा कि कॉलेज प्रबंधन पूरी फीस लेने के बाद कई बार कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखाने का धमकी दे रहा है। इतना ही नहीं कई बार पूरे दिन छात्राओं को कॉलेज के बाहर खड़ा कर दिया जाता है।
इन सब समस्याओं से तंग आकर छात्राओं ने पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल भेजा है। छात्राओं का कहना है कि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान किया जाए या फिर उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए। हालांकि, इस मेल पर सरकार या प्रशासन की ओर से कोई एक्शन लिया गया है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।