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तमिलनाडु: बागी विधायकों की सदस्‍यता पर हाईकोर्ट का फैसला आज, संकट में पलानीस्‍वामी सरकार

Published: Jun 14, 2018 11:21:46 am

Submitted by:

Dhirendra

मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बागी विधायकों के पक्ष में जाने पर पलानीस्‍वामी की सरकार अल्‍पमत में आ जाएगी।

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तमिलनाडु: बागी विधायकों की सदस्‍यता पर हाईकोर्ट का फैसला आज, संकट में पलानीस्‍वामी सरकार

नई दिल्‍ली। लगभग पांच महीने के लंबे इंतजार के बाद तमिलनाडु की राजनीति में आज फैसले का दिन है। बागी 18 विधायकों की सदस्‍यता को लेकर मद्रास हाईकोर्ट का फैसला आज आएगा। चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एम सुंदर की बेंच पहले से सुरक्षित फैसले को दोपहर करीब 1 बजे सुनाएगी। फैसले को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। अगर विधायक यह केस हारते हैं तो सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। जबकि विधायकों की सदस्‍यता बरकरार रहने पर पलानीस्‍वामी सरकार अल्‍पमत में आ जाएगी। आपको बता दें कि टीटी दिनाकरण गुट के 18 विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद विधायकों ने मद्रास हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी।
पलानीसामी कहां से लाएंगे मैजिक नंबर
तमिलनाडु विधानसभा में कुल विधायकों की संख्‍या 234 है। इस लिहाज से बहुमत के लिए 118 विधायकों की सरकार को जरूरत पड़ेगी। अगर विधायक केस जीत जाते हैं और पलानीसामनी सरकार के खिलाफ वोट देते हैं तो सरकार गिर जाएगी। क्‍योंकि पलानीसामी सरकार को विधानसभा में केवल 113 विधायकों का समर्थन प्राप्‍त है। यह बहुमत के आंकड़े से पांच कम है। लंबे समय से बीमार चल रहे डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि सदन की कार्यवाही में शामिल होने तो नहीं पहुंच सके हैं लेकिन विश्‍वास मत हासिल करने के हालात बनने पर वह वोट करने जरूर पहुंचेंगे।
दिनाकरण के बागी बचाएंगे सरकार!
सीएम पलानीस्‍वामी की नजर टीटी दिनाकरण गुट के बागी विधायकों में पर है। ये विधायक दिनाकरण के विरोधी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गुट के बागी नेता थंग तमिल सेल्वन ने बताया कि वह अम्मा की सरकार को गिराना नहीं चाहते, बल्कि वर्तमान सरकार में अपना हक चाहते हैं। कई बागी नेता मुख्यमंत्री ई पलनिसामी से समझौता करने के लिए भी तैयार हैं। केंद्र भी सरकार गिराने की मंशा नहीं है।
बागी विधायक नहीं लड़ना चाहते उपचुनाव
अगर केस हारने के बाद सरकार गिरती भी है तो कोई भी विधायक दोबारा होने वाले चुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है। एक वरिष्‍ठ मंत्री का कहना है कि विधायकों को अपनी कमजोरी के बारे में पता है। उन्हें सरकार गिराने की स्थिति में विधायकी खोने का डर है। इसलिए पलानीस्‍वामी की सरकार बचने की उम्‍मीद ज्‍यादा है।
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