तमिलनाडु विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 234 है। इस लिहाज से बहुमत के लिए 118 विधायकों की सरकार को जरूरत पड़ेगी। अगर विधायक केस जीत जाते हैं और पलानीसामनी सरकार के खिलाफ वोट देते हैं तो सरकार गिर जाएगी। क्योंकि पलानीसामी सरकार को विधानसभा में केवल 113 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यह बहुमत के आंकड़े से पांच कम है। लंबे समय से बीमार चल रहे डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि सदन की कार्यवाही में शामिल होने तो नहीं पहुंच सके हैं लेकिन विश्वास मत हासिल करने के हालात बनने पर वह वोट करने जरूर पहुंचेंगे।
सीएम पलानीस्वामी की नजर टीटी दिनाकरण गुट के बागी विधायकों में पर है। ये विधायक दिनाकरण के विरोधी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस गुट के बागी नेता थंग तमिल सेल्वन ने बताया कि वह अम्मा की सरकार को गिराना नहीं चाहते, बल्कि वर्तमान सरकार में अपना हक चाहते हैं। कई बागी नेता मुख्यमंत्री ई पलनिसामी से समझौता करने के लिए भी तैयार हैं। केंद्र भी सरकार गिराने की मंशा नहीं है।
अगर केस हारने के बाद सरकार गिरती भी है तो कोई भी विधायक दोबारा होने वाले चुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है। एक वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि विधायकों को अपनी कमजोरी के बारे में पता है। उन्हें सरकार गिराने की स्थिति में विधायकी खोने का डर है। इसलिए पलानीस्वामी की सरकार बचने की उम्मीद ज्यादा है।