जाकिर नाईक की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई टली
Published: Jan 17, 2017 07:46:00 pm
अदालत ने केंद्र सरकार से संस्था पर प्रतिबंध लगाए जाने से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को कहा
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक की उस याचिका पर सुनवाई टाल दी, जिसमें उन्होंने अपने गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को प्रतिबंधित किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई 23 जनवरी तक के लिए टाल दी। अदालत ने केंद्र सरकार से संस्था पर प्रतिबंध लगाए जाने से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को कहा।
अदालत केंद्रीय गृह मंत्रालय की नवम्बर, 2016 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली नाईक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अधिसूचना के जरिए गैर कानूनी गतिविधयां (निरोधक) अधिनियम के तहत आईआरएफ पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।
आईआरएफ ने अदालत से कहा है कि इस तरह के कदम उठाने के लिए अधिसूचना में पर्याप्त कारण और सामग्री का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा यह कदम उठाने से पहले कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया था।
जानिए, किसने कहा जाकिर नाईक को भाजपा का ‘चुनावी बकरा’
अलीगढ. विवादों में आये इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. जाकिर नाईक को अलीगढ में समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने भाजपा का ‘चुनावी बकरा’ बताया है। सपा विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने पत्रिका उत्तर प्रदेश से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा-कांग्रेस को डा. जाकिर नाईक नहीं दिखा। डा. जाकिर नाईक यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान काटा जाने वाला भाजपा का बकरा है।
बुरा कहने वाला नहीं हो सकता अच्छा इंसान
विधायक हाजी जमीर उल्लाह का कहना है कि जाकिर नाईक भाजपा का पाला हुआ वह बकरा है जिसे भाजपा 2017 के चुनावों में जुबे करेगी। इसे भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर पाला था। उन्होंने कहा कि किसी के धर्म को बुरा कहने वाला इंसान अच्छा हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास यूपी विधानसभा चुनावों में कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इस मुद्दे को भाजपा उठाकर फायदा लेना चाहती है।
भारत में लगे नाईक पर प्रतिबंध
जमीर उल्लाह ने कहा कि जाकिर नाईक का आम मुसलमान से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे सभी लोगों को देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए जो भड़काऊ भाषण दे, जो भाई से भाई को लड़ाए. जो कत्लेआम कराये उन सब पर प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए.