इसी बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ( Health Experts ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि टीके के बारे में लोगों को किसी तरह की गलतफहमी में न रखें। आपको बता दें कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वर्तमान में भारत में कोरोना के एक नहीं, बल्कि तीन कोरोना टीकों का परीक्षण चल रहा है।
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साथ ही उन्होंने लोगों को यह आश्वासन भी दिया कि यह टीका इस साल के अंत तक उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन, भारत के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पीएम मोदी के इस बयान का पर पलटवार किया है
वैक्सीन की झूठी उम्मीद ना जगाएं
हाल ही में हेल्थ एक्सपर्ट के ज्वाइंट टास्क फोर्स ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है, ‘हमें यह मान लेना चाहिए कि कोरोना वायरस का कोई प्रभावी टीका जल्द ही नहीं आने वाला है। ‘लोगों को जल्द ही कोरोना वायरस का रामबाण इलाज मिलेगा, इस उम्मीद से बचने की जरूरत है।’
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आपको बता दें कि इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन ( IPHA ), इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन ( IAPSM ) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडेमियोलॉजिस्ट ( IAE ) के विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है।
इसमें हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा कि ‘भारत में फैले कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीन की कोई भूमिका नहीं है। यह मानना होगा कि आने वाले दिनों में कोई प्रभावी टीका उपलब्ध नहीं होगा। हमें ऐसे झूठे आश्वासन से बचना चाहिए। जब हमारे पास एक प्रभावी और सुरक्षित टीका उपलब्ध होगा, तब इसे डब्ल्यूएचओ की रणनीति के अनुसार विभाजित किया जाएगा।’