केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अगर देशव्यापी लॉकडाउन और कंटेनमेंट नहीं किया गया होता , तो कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में 41 फीसदी का इजाफा होता और 15 अप्रैल तक 8 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए होते। उन्होने कहा कि अगर सिर्फ कंटेनमेंट किया गया होता, तो 15 अप्रैल तक कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या एक लाख 20 हजार तक पहुंच जाती। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 40 लोगों की मौत हुई, जबकि 1035 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब तक 7528 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 242 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 643 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर मोदी सरकार ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन नहीं किया होता, तो अब तक हालात बेहद खराब हो गए होते।
यहां आपको बता दें कि कोरोना से लड़ने के लिए तैयारियों जोरो पर है। देश में 586 COVID-19 अस्पताल, एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड और 11 हजार 500 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। अब तक देश में एक लाख 71 हजार 718 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। वहीं, महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति सबसे ज्यादा भयावह है। दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा हजार के पार पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में 1700 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जबकि 100 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।