इस साल मौसम की सबसे ज्यादा मार सड़कों पर पड़ी है। पिथौरागढ़ जिले में दो दर्जन मोटर मार्ग पर मलबा आया हुआ है, जबकि 6 पुल बह चुके हैं। उधर पौढ़ी में ये संख्या 29 तक पहुंच गई है। प्रशासन की माने तो इन रास्तों से मलबा हटाने में एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय लगेगा।
पिछले कुछ समय में पहाड़ी इलाकों में लगातार भूस्खल हो रहे हैं। सोमवार रात हुई भीषण बारिश ने कपकोट बागेश्वर में भारी तबाही मचा दी है। नगर पंचायत के वार्ड नंबर तीन स्थित चखतरी में भारी भूस्खलन होने से सड़क किनारे खड़े चार वाहन मलबे में दब गए। शामा में एक मकान क्षतिग्रस्त होने से वहां पांच बकरियां जिंदा दफन हो गए। कपकोट और हिचौड़ी बाजार की अनेक दुकानों में पानी भरने से लाखों रुपये का सामान खराब हो गया। भूस्खलन से कई लोगों के घर खतरे की जद में आ गए हैं। धरमघर में राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठेली के एक कक्ष की दीवार ढह गई है। स्कूल के पीछे पहाड़ी से भूस्खलन से पूरे भवन को खतरे की आशंका बनी है। ग्रामीणों ने भूस्खलन से हुए नुकसान का जिम्मेदार विभाग और प्रशासन को ठहराया।
प्रशान ने जारी किया अलर्ट
प्रशासन ने पूरी तरह लोगों से घटनास्थल और आस-पास के इलाकों से दूरी बनाए रखनी की चेतावनी जारी कर दी है। आपको बता दें कि तामेंगलांग पहाड़ियों और घाटियों से घिरा एक पहाड़ी जिला है और इन इलाकों में भूस्खलन का खतरा बना रहता है। फिलहाल इस हादसे के बारे में जो जानकारी मिली है उसमें अब तक 9 लोगों के मौत की खबर सामने आई है। हो सकता है इस संख्या में आगे इजाफा भी हो।