काम नहीं कर रहे रैपिड टेस्ट –
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) काम नहीं कर रहा है। काफी बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मरीज हैं। कोर्ट ने सरकार से कहा वो आरटी-पीसीआर टेस्टों की संख्या बढ़ाए। जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमोनियम प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अरविंद केजरीवाल सरकार से कहा कि वो अपनी अगली स्टेटस रिपोर्ट में ये बताए कि कोविड-19 से मरने वालों के अंतिम संस्कार को लेकर उसने क्या कदम उठाए हैं।
कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार –
अदालत ने दिल्ली में महामारी से बिगड़ती हालत के लिए सरकार की खिंचाई की और पूछा, “आप शादियों में अतिथि की संख्या कम करने के लिए अदालत के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे थे, आप पहले भी ऐसा कर सकते थे।”ये टिप्पणी अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी के 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित लोगों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन के माध्यम से सार्वजनिक करे।
सरकरा दाखिल करें स्टेट्स रिपोर्ट-
पीठ ने अब दिल्ली सरकार से एक सप्ताह के भीतर नए सिरे से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है और मामले को 26 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए टाल दिया है। बता दें कि दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 से 131 मरीजों की मौत हुई जो अब तक के एक दिन में हुई मौतों का उच्चतम आंकड़ा है। यहां बुधवार को कुल 7,943 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 5,03,084 हो गई।