द्वारका रामलीला में पीएम मोदी ने चलाया तीर, जल गए रावण-कुंभकर्ण-मेघनाद के पुतले देश का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाने वाले कारीगर का नाम तेजिंदर चौहान है। उन्होंने कहा कि इस पुतले में पर्यावरण के अनुकूल पटाखे लगाए गए थे। इस पुतले का वजन 7000 किलोग्राम था। इसे 40 लोगों की टीम ने मिलकर छह महीने में बनाया।
उन्होंने आगे कहा कि अगह हम कुछ करके लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकते हैं तो खर्च की रकम अपना काम करती है। हफ्ते भर तक बच्चे इस दशहरा को याद रखेंगे।
अभी-अभीः चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने खींची चंद्रमा की तस्वीर, यह है इनकी सच्चाई, जानकर रह जाएंगे… पुतले के निर्माण बनाने में पांच कुंतल धातु और 500 बांस इस्तेमाल किए गए। इस रावण के पुतले ने 2.5 कुंतल वजनी 55 फुट लंबी तलवार हाथ में ले रखी थी।
इतना ही नहीं इस पुतले में लगे पटाखों के अलावा इसकी सुरक्षा के लिए यहां पर 300 बाउंसर तैनात किए गए थे। इस रावण का जूटा 100 किलोग्राम यानी एक कुंतल का था और इसकी ऊंचाई 40 फीट थी। जबकि इसके 50 फीट ऊंचे मुकुट का वजन 350 किलोग्राम था।
इस रावण का चेहरा फाइबर ग्लास से बनाया गया और 20 फीट ऊंचा यह चेहराा 300 किलोग्राम वजनी था। अकेले इस रावण का लोहे का फ्रेम ही 5,000 किलोग्राम यानी 50 कुंतल का था।
अभी-अभीः विक्रम लैंडर के साथ घूमते ऑर्बिटर को मिली बड़ी सफलता, इसरो ने जारी किया बड़ा खुलासा वहीं, राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका सेक्टर-10 रामलीला मैदान में जिस रावण के पुतले का दहन किया, उसकी ऊंचाई 107 फीट थी।