सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आई गुजरात सरकार, समलैंगिकता पर बनी फिल्म “मेघधनुष्या” को मनोरंजन कर में छूट देने को राजी नहीं
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए एक जवाब में कहा है कि होमोसेक्शुअलिटी एक सामाजिक बुराई है। असल में गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता पर बनी एक फिल्म मेघधनुष्या (इंद्रधनुष) के लिए मनोरंजन कर में छूट देने का आदेश दिया था। जिसके विरोध में गुजरात सरकार ने यह बात कोर्ट से कही है। जस्टिस एआर दवे और एके गोयल की बेंच थोड़ी देर की सुनवाई के बाद इस मामले को देखने के लिए तैयार हो गई। गुजरात सरकार की ओर से हेमंतिका और जेसल वाही और फिल्म मेकर की ओर से आनंद ग्रोवर कोर्ट में पेश हुए।
राज्य सरकार के अनुसार किसी फिल्म से सामाजिक बुराई का प्रचार होने पर या उसके राष्ट्रीय एकता के खिलाफ होने पर उसे टैक्स में छूट नहीं दी जा सकती। फिल्म मेकर किरन कुमार रमेशभाई देवमती ने टैक्स में दो बार छूट की मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्हें राज्य सरकार की ओर से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में उन्हें मनोरंजन कर में छूट देने की बात कही थी। लेकिन राज्य सरकार का कहना था कि फिल्म को छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह सामाजिक बुराई के मानक पर खरी नहीं उतरती है।
आपको बता दें कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने ही गुजरात हाई कोर्ट के गुजराती फिल्म को टैक्स छूट देने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ही पहले होमोसेक्शुअलिटी को गैरकानूनी घोषित किया था। 2013 में आए इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस फैसले का देश-विदेश में विरोध हुआ था।