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भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं, दुनिया के ये देश भी दे चुके मान्यता

Published: Sep 06, 2018 12:36:20 pm

Submitted by:

Mohit sharma

मलैंगिकता का मामला सबसे पहले 1290 में इंग्लैंड के फ्लेटा इलाके में सामने आया था। जिसके बाद इसको कानून बनाकर अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया गया था।

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भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं, दुनिया के ये देश भी दे चुके मान्यता

नई दिल्ली। समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि भारत में समलैंगिकता अब अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने कहा है कि समलैंगिकों को भी सम्मान से जीने का हक है। इसके साथ ही कोर्ट समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा 377 को भी खत्म कर दिया। आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 17 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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ऐसे में सवाल यह उठता है कि आईपीसी की धारा 377 में यौन संबंधों को लेकर क्या प्रावधान थे। दरअसल, धारा 377 में अप्राकृतिक यौन संबंधों बनाने को अपराध घोषित किया गया है। धारा के अंतर्गत कोई भी पुरुष अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता है तो उसे अपराध माना जाता हैं। इसमें महिला और पशुओं को भी शामिल किया गया है। इस अपराध के लिए उम्रकैद या दस साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है। आपको बता दें कि समलैंगिकता का मामला सबसे पहले 1290 में इंग्लैंड के फ्लेटा इलाके में सामने आया था। जिसके बाद इसको कानून बनाकर अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद ही ब्रिटेन और इंग्लैंड में 1533 में अप्राकृतिक यौन संबंधों को लेकर बगरी एक्ट बनाया गया। बगरी एक्ट के तहत ऐसे अपराधियों के लिए फांसी का प्रावधान रखा गया था। हालांकि 1817 में बगरी एक्ट से ओरल सेक्स को हटा दिया गया था।

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इन देशों में अपराध नहीं समलैंगिक यौन संबंध

आपकों बता दें कि भारत ऐसा अकेला देश नहीं है, जहां समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है। इससे पहले भी दुनिया के तमाम देश समलैंगिकता को मान्यता दे चुके हैं। इनमें न्यूजीलैंड, उरुग्वे, डेनमार्क, अर्जेंटीना, आयरलैंड, अमेरिका, ग्रीनलैंड, स्कॉटलैंड, लक्जमबर्ग, पुर्तगाल, आइसलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंडऑस्ट्रेलिया, माल्टा, जर्मनी, फिनलैंड, कोलंबिया, इंग्लैंड और वेल्स, ब्राजील और फ्रांस जैसे 26 देश शामिल हैं।

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