हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा अंबाला की सेन्ट्रल जेल में बंद हनीप्रीत रोजना घर बात करने के लिए बेताब है। इसके लिए हनीप्रीत ने पंचकूला एडिशनल जज की अदालत में अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया था। दरअसल, हरियाणा की जेलों में कैदियों के लिए प्रिजन इनमेट कॉलिंग सिस्टम शुरू किया गया था, जिसके तहत कैदी अपने परिजनों से पांच मिनट तक रोजाना फोन पर बातचीत कर सकते हैं। इसी के तहत हनीप्रीत ने भी अर्जी लगाई थी। लेकिन, वह मंजूर नहीं हुआ। क्योंकि, उस वक्त हनीप्रीत द्वारा उपलब्ध करवाए गए नंबरों को वेरिफिकेशन के लिए भेजा गया था।
11 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई अब मजबूर होकर हनीप्रीत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हनीप्रीत की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में फोन की सुविधा मुहैया करवाने के लिए याचिका दायर की है, जिस पर अब 11 दिसंबर को सुनवाई होगी। अब देखना यह है कि हाईकोर्ट इसके लिए परमिशन देती है या फिर याचिक को रद्द की जाती है। ऐसा पहली बार हुआ है जब हनीप्रीत अपने घरवालों से बात करने के लिए इतनी बेताब है। गौरतलब है कि हाल ही में हनीप्रीत ने जेल शिफ्टिंग की डिमांड की थी। वह राम रहीम जिस जेल में बंद है, उसमें शिफ्ट होना चाहती थी।