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POK: धरती की जन्नत कश्मीर के इस हिस्से को कितना जानते हैं आप, जिस पर कब्जा है पाकिस्तान का

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7 years ago
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पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके का जिक्र आपने खबरों में सुना होगा। गाहे-बगाहे अपने बहस-मुबाहिसों में भी इसका जिक्र किया होगा, लेकिन क्या असल में आप पीओके को जानते हैं। धरती की जन्नत कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा जमाया हुआ है और इसे ही पीओके कहा जाता है। कहने को पीओके का अपना हाईकोर्ट, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं, लेकिन वहां की सरकार पाकिस्तान के इशारे पर चलती है और यहां नागरिकों के अधिकार भी सीमित हैं। इन हालात के बीच उस अहसास को अपने दिल में महसूस कीजिए कि अगर यह हिस्सा भारत के साथ होता, तो आप पीओके की खूबसूरती का बड़ी आसानी से दीदार कर सकते थे। हालांकि अभी भी यह नामुमकिन तो नहीं लेकिन थोड़ा मुश्किल जरूर है। बहरहाल, चलिए आज हम आपको बताते हैं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के इस हिस्से की खासियतें। कश्मीर का सबसे खूबसूरत हिस्सा माना जाने वाला यह इलाका सात जिलों से मिलकर बना है। इसमें खूबसूरत झीलों, नदियों और पहाड़ों का ऐसा सौंदर्य है कि आंखें यहां से हटाने का मन ही नहीं करेगा आपका...
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120 साल है इंसान की औसत उम्र पीओके की सबसे पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक हुंजा वैली में दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। ये सैलानी यहां के पहाड़ों की खूबसूरती कैमरे में कैद करते हैं और लोगों को एक बार जरूर यहां जाने की सलाह देते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि हुंजा वैली की फिजां में सांस लेने के बाद हर कोई ताउम्र यहीं बस जाना चाहता है। वैसे हुंजा समाज में औसतन उम्र 120 साल है, जो दुनिया के किसी भी इलाके में सबसे ज्यादा है। यहां की आबोहवा इंसान की उम्र को बढ़ाती है।
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खूबसूरती ऐसी कि दिल जीत ले हुंजा वैली के अलावा पीओके में और भी दर्जनों खूबसूरत घाटियां हैं। इनमें एस्तोर जिले की सबसे बड़ी वैली गोरीकोट है, जिसे स्थानीय भाषा में ग्यू कहते हैं। इसमें कुल 12 गांव हैं। एस्तोर जिले में ही रूपल वैली है, जो ट्रैकिंग के लिए खासी मशहूर है। 8 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नागर वैली और नाल्तार वैली से लेकर गिजर जिले में अफगानिस्तान बॉर्डर के करीब इश्कोमान घाटी तक पीओके की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है।
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नीलम वैली है सबसे ज्यादा ऊंचाई पर घाटियों की पीओके में कमी नहीं है, लेकिन इनमें नीलम घाटी को सबसे ज्यादा खूबसूरत माना जाता है। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद से 240 किलोमीटर दूर स्थित नीलम घाटी को यहां बहने वाली नदी के नाम से जाना जाता है। करीब 140 किमी में फैली नीलम घाटी के समांनातर कागन घाटी भी है। दोनों की चोटियां समुद्र तल से 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं।
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14 हजार वर्ग किमी में रहते हैं 45 हजार लोग पाक अधिकृत कश्मीर का इलाका करीब 14 हजार किलोमीटर में फैला है और इसमें 45 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां का प्रशासन 10 जिलों और तीन डिविजन में बंटा हुआ है। मीरपुर डिविजन में मीरपुर, कोटली और भिम्बर जिले हैं। इसी तरह मुजफ्फराबाद डिविजन में मुजफ्फराबाद, झेलम घाटी और नीलम जिले हैं और पुंछ डिविजन में पुंछ, हवेली, बाग और सुधनोती जिले हैं।
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गुर्जर, जाट हैं बहुसंख्यक, ब्रिटेन से गहरा रिश्ता पाक अधिकृत कश्मीर में गुर्जर समुदाय सबसे बड़ी संख्या में है। मूल रूप से इनका पेशा कृषि है। इसी तरह दूसरा बड़ी संख्या जाटों की है। मीरपुर, भिम्बर और कोटली जिले में इनकी खासी संख्या है। वैसे मीरपुर के ज्यादातर बाशिंदे ब्रिटेन में रहते हैं। यहां के ज्यादातर मूल निवासियों ने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली है।
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नीलम घाटी में हैं कश्मीरी पीओके के नीलम घाटी के इलाके में कश्मीरी ज्यादा हैं। जबकि अन्य इलाकों में अवान, अब्बासी और सुधान लोगों का बोलबाला है। यहां बमुश्किल पांच प्रतिशत लोग ही कश्मीरी जुबान बोलते हैं।
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खेती है आमदनी का मुख्य स्रोत पीओके में आमदनी का मुख्य स्रोत खेती है। यहां जौ, आम, बाजरा, मक्का और गेहूं की खेती होती है। इसके अलावा पशुपालन भी आय का बड़ा स्रोत है। पीओके में खनिज और संगमरमर का भी भंडार है। यहां कोयला खासी मात्रा में है, लेकिन उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं है। हालांकि चाक, बाक्साइट और जिक्रोन के बड़े भंडार हैं।
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व्यापार का अनूठा तरीका पीआके के लोग भारतीयों के साथ प्राचीन पद्धति से व्यापार करते हैं। यहां चीजों के दाम नहीं चुकाए जाते हैं, बल्कि जिस मूल्य की वस्तु ली जाती है, उसी के बराबर मूल्य की दूसरी वस्तु बदले में दी जाती है।
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