HRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस वक्त कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के बच्चों का सिलेबस बीए और बीकॉम के छात्रों से भी कहीं ज्यादा है और इसे कम करके आधा किए जाने की जरूरत है, जिससे सर्वांगीण विकास के लिए छात्रों को पूरा समय मिल सके।
प्रकाश जावेड़कर ने कहा ज्ञान संबंधी स्किल के विकास के चरण में छात्रों को पूर्ण ऑटोनॉमी देने की जरूरत है। इसलिए एनसीईआरटी से सिलेबस को घटाकर आधा करने फैसला किया गया है जो साल 2019 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगा। वहीं स्कूली शिक्षा में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि परीक्षा और अगली कक्षा में नहीं भेजे जाने की योजना लागू होगी।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जीवन में बिना परीक्षा के कोई लक्ष्य नहीं रहता, ऐसे में बेहतर नतीजों के लिए कॉम्पिटिशन का होना जरूरी है। प्रकाश जावड़ेकर की ये बात उस दिशा में थी कि फेल होने पर भी छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता है। इस बात को लेकर उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र मार्च में फेल होता है तो उसे मई में एक और मौका दिया जाएगा। दो बार मौके देने के बाद अगर छात्र फेल हो जाता है, तो उसे उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।