script

पहले पद्म पुरस्कार घरेलू मिठाई की तरह बांटे जाते थे, लेकिन अब सरकार ने लेवल तय कर दिया: हुकुमदेव

locationनई दिल्लीPublished: Jan 26, 2019 10:01:56 pm

Submitted by:

Prashant Jha

मधुबनी से सांसद यादव ने कहा कि यह नए भारत का उदय हो रहा है। प्रधानमंत्री सुधार नहीं क्रांतिकारी परिवर्तन चाहते हैं।

hukumdev narayan yadav

पहले पद्म पुरस्कार घरेलू मिठाई की तरह बांटे जाते थे, लेकिन अब सरकार ने लेवल तय कर दिया: हुकुमदेव

पटना: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पद्म पुरस्कार के लिए चयनित हुकुमदेव नारायण यादव ने शनिवार को कहा कि यहा सरकार प्रतिभावान उपेक्षित, शोषित, गरीबों, दबे-कुचलों को भी सम्मानित कर रही है। इस दौरान हुकुमदेव नारायण यादव ने यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पहले पद्म पुरस्कार घरेलू मिठाई की तरह बांटे जाते थे। उस समय न पात्र देखा जाता था, न कोई योग्यता, जिसको जैसी मर्जी, दे दिया जाता था। लेकिन मोदी सरकार में सही और जमीन पर काम करने वालों को पुरस्कार दिया जाता है।

इस सरकार में प्रतिभावान लोगों को मिल रहा पुरस्कार

न्यूज एजेंसी से बातचीत में हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि पहले पद्म पुरस्कार ऐसे व्यक्तियों को भी दिए जाते थे, जो टीवी पर कंपनियों के विज्ञापन कर सामान बेचते थे। अब कम से कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्तर कायम किया है। आज ऐसे लोगों को चुना जा रहा है जो उपेक्षित थे, उपहासित थे, जिनकी ओर नजर नहीं जाती थी, उनमें योग्यता, क्षमता, प्रतिभा थी। यह नए भारत का उदय हो रहा है।”

पीएम क्रांतिकारी परिवर्तन चाहते हैं

बिहार के मधुबनी से सांसद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “वे आज इन पुरस्कारों के लिए ना जाति देखते हैं ना ही क्षेत्र और ना ही धर्म। वे बस उस व्यक्ति की योग्यता, क्षमता देखते हैं। प्रधानमंत्री सुधार नहीं क्रांतिकारी परिवर्तन चाहते हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो