scriptहैदराबादः तीन दिन से दो इमारतों के बीच फंसा था पिल्ला, मुश्किलों से बचाई गई जान | Hyderabad: Puppy stuck between 2 building for 3 days, saved finally | Patrika News

हैदराबादः तीन दिन से दो इमारतों के बीच फंसा था पिल्ला, मुश्किलों से बचाई गई जान

locationनई दिल्लीPublished: Nov 02, 2018 12:50:10 pm

यह पिल्ला दो इमारतों के बीच तकरीबन एक ईंट की दरार में तीन दिनों से फंसा हुआ था और जिंदगी बचाने के लिए बार-बार चिल्ला रहा था। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद इसे आखिरकार मुश्किलों से बचा लिया गया।

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हैदराबादः तीन दिनों से दो इमारतों के बीच फंसा था पिल्ला, मुश्किलों से बचाई गई जान

हैदराबाद। जाको राखें साइयां मार सके न कोय। साफिलगुडा के आनंदनगर में यही कहावत उस वक्त चरितार्थ हुई जब बृहस्पतिवार को कुछ माह के एक पिल्ले को बचा लिया गया। यह पिल्ला दो इमारतों के बीच तकरीबन एक ईंट की दरार में तीन दिनों से फंसा हुआ था और जिंदगी बचाने के लिए बार-बार चिल्ला रहा था। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद इसे आखिरकार मुश्किलों से बचा लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पिल्ला इन दोनों इमारतों के बीच बिना खाना-पानी के तीन दिनों से फंसा हुआ था। भूख-प्यास से बेहाल इस पिल्ले की आवाज भी कमजोर हो चुकी थी और काफी ज्यादा चिल्लाने के बाद आसपास के लोगों ने इसकी आवाज सुनी। तब जाकर लोगों को पता चला कि वहां आसपास कोई पिल्ला फंसा हुआ है।
इसके बाद लोगों ने मदद के लिए किसी सही व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश शुरू की। इसमें कुछ वक्त लगा और फिर उन्होंने डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स और साफिलगुडा पुलिस को जानकारी दी। इसके साथ ही पशु कल्याण संगठनों के स्वयंसेवक भी पहुंच गए।
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फाइल फोटो IMAGE CREDIT: फाइल फोटो
इसके बाद ह्युमेन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई), अग्निशमन विभाग, डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स और साफिलगुडा पुलिस ने इस पिल्ले को बचाने का अभियान शुरू कर दिया। तमाम तरह के उपाय आजमाने के बाद डीआरएफ टीम ने फैसला लिया कि वो पहले पिल्ले के पैर एक रस्सी में फंसाएंगे और फिर धीमे से उठे ऊपर खींच लेंगे। हालांकि वो इतनी संकरी जगह पर फंसे पिल्ले तक पहुंचतने में असफल रहे।
अब तक बचाव में लगे लोगों को धैर्य जवाब देने लगा था और पिल्ले की हालत खराब होती जा रही थी। आखिरकार एचएसआई के सलाहाकार और तकनीकी बचावकर्ता तेजा पन्नेरू को बुलाया गया। तेजा शहर में पहले भी हुए कई बचाव अभियान में शामिल रहे थे। वहां पहुंचकर तेजा ने स्थिति का जायजा लिया और फिर फैसला लिया कि वो खुद ही उस संकरी जगह में जाएंगे।
इसके बाद तेजा पन्नेरू इस संकरी जगह पर काफी मुश्किलों के बाद जा सके और करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद पिल्ले के पैर में रस्सी बांधने में सफल रहे। फिर डीआरएफ की टीम ने धीमे से पिल्ले को रस्सी के सहारे ऊपर खींच लिया। हालांकि पिल्ला जब बचकर बाहर आ गया, मौका मिलते ही वो वहां से भाग निकला।
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